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बीजेपी नेता ने टिकट नहीं मिलने से पार्टी से दिया इस्तीफा, निर्दलीय चुनाव लड़ने का लिया फैसला

डोंगरगढ़। प्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर बिगुल बज चुका है। भारतीय जनता पार्टी ने 85 विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है। बीजेपी ने डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विनोद खांडेकर को प्रत्याशी बनाया है, जिससे नाराज होकर भाजपा नेता राजेश श्यामकर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। शुक्रवार को राजेश श्यामकर ने शहर के स्टेट हाई स्कूल मैदान से नामांकन रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंच कर नामांकन दाख़िल किया।

दरअसल प्रदेश में प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद भाजपा को पहला झटका लगा है। राजेश श्यामकर वर्तमान में क्षेत्र क्रमांक 9 से जिला पंचायत सदस्य है। राजेश श्यामकर सैकड़ो की संख्या में समर्थकों के साथ स्टेट हाई स्कूल मैदान से रैली निकाली और कलेक्ट्रेट में जाकर नामांकन दाखिल किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की वजह से मुझे यह कदम उठाना पड़ रहा है। बहुत ही दुखी मन से यह कदम उठाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मजबूर किया है। कोई भी भाजपा का कार्यकर्ता पार्टी के खिलाफ जाना नहीं चाहता था लेकिन बीजेपी के नेताओं ने पार्टी के खिलाफ जाने के लिए हमें मजबूर किया है।

डोंगरगढ़ विधानसभा से बीजेपी के प्रत्याशी को लेकर उन्होंने कहा कि- डोंगरगढ़ से जिस प्रत्याशी बनाया गया है उसका पुतला दहन भी किया गया है। ऐसी जानकारी मुझे मिली है। भारतीय जनता पार्टी की आईडियोलॉजी हिंदू आईडियोलॉजी है, उसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचाया है, उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।

बता दे कि भाजपा ने 85 विधानसभा के साथ डोंगरगढ़ में भी प्रत्याशी की घोषणा कर दी है, जिसे लेकर भाजपा नेता राजेश श्यामकर के साथ एक बड़े वर्ग में असंतोष है शुक्रवार को राजेश श्यामकर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लेते हुए नामांकन दाखिल कर दिया है। बहरहाल देखना होगा कि राधेश्यामकर के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भाजपा को कितना नुकसान उठाना पड़ सकता है या पार्टी समय रहते पार्टी से अलग होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी को मना लेती है यह आने वाला समय ही बताएगा।

 

 

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