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पंचांग भेद होने से शरद पूर्णिमा की तिथि पर संशय है तो यहां से जानें सही तारीख

शरद पूर्णिमा: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस रात को चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होती हैं. धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अमृत की वर्षा करते हैं. वैसे तो इस साल शरद पूर्णिमा आज 19 अक्टूबर मंगलवार को है लेकिन पंचांग भेद होने के कारण इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व दो दिन मनाया जा रहा है. ऐसे में कुछ स्थानों पर लोग शरद पूर्णिमा का व्रत और पर्व 20 अक्टूबर 2021 को मनाएंगे.

शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का खास दिन माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को भगवान इंद्र और मां लक्ष्मी एरावत पर सवार होकर पृथ्वी पर आते हैं और रात में भम्रण करते हैं और यह देखते हैं कि कौन जग रहा है. कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति जो शरद पूर्णिमा की रात्रि में जागरण करते हैं, उनके घर में मां लक्ष्मी वास करती हैं और उनका घर धन दौलत से भर जाता है.

शरद पूर्णिमा 2021 सही तिथि और शुभ मुहूर्त

अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 19 अक्टूबर 2021 को शाम 07 बजे से प्रारंभ होगी जो कि 20 अक्टूबर 2021 को रात 08 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी.

शरद पूर्णिमा व्रत के नियम

शरद पूर्णिमा का व्रत फलाहारी रखा जा सकता है. इस व्रत में फल और जल ग्रहण किया जा सकता है. जो लोग व्रत नहीं रख रहें हैं उन्हें शरद पूर्णिमा के दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. शरद पूर्णिमा के दिन लोगों को काले रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए. इस दिन सफेद रंग के वस्त्र धारण कर मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान व्रत कथा अवश्य पढ़नी या सुननी चाहिए. ऐसा करना शुभ माना जाता है.

 

 

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