पेटीएम अब जल्द ही क्रेडिट कार्ड बिजनेस में उतरने वाला है. पेटीएम कार्ड इश्यू करने वाली अलग-अलग कंपनियों से पार्टनरशिप के जरिये को-ब्रांडेड क्रेडिट उतारेगा. पेटीएम का इरादा अगले एक से डेढ़ साल में 20 लाख कार्ड उतारने का है. पेटीएम लैंडिंग के सीईओ भूपेश गुप्ता ने कहा कि भारत जैसे देश में क्रेडिट कार्ड धनी लोगों की चीज समझी जाती है. लेकिन हम चाहते हैं कि ऐसा क्रेडिट कार्ड उतारें जो युवाओं की जरूरत पूरे करे.
पेटीएम ने कहा है कि इसका क्रेडिट कार्ड फर्जी ट्रांजेक्शन के खिलाफ इंश्योरेंस सुरक्षा मुहैया कराएगा. पेटीएम को उम्मीद है कि मार्केट में उसके कार्ड को अच्छा रेस्पांस मिलेगा. कंपनी क्रेडिट स्कोर और यूजर के परचेजिंग पैटर्न पर कार्ड जारी करेगी.भारत में अभी भी क्रेडिट कार्ड का मार्केट अभी काफी सीमित है. भारत में सिर्फ तीन फीसदी लोगों के पास क्रेडिट कार्ड है. इस बीच, पेटीएम ने कहा है कि इसके यूजर को अपने ई-वॉलेट में क्रेडिट कार्ड से पैसे डालने के लिए दो फीसदी की फीस देनी होगी. अभी तक सिर्फ हर महीने दस हजार से रुपये से अधिक रकम क्रेडिट कार्ड से वॉलेट में डालने पर दो फीसदी फीस देनी पड़ती थी. हो सकता है आगे चल कर पेटीएम अपने कार्ड से वॉलेट में पैसे डालना फ्री कर दे.
पेटीएम इस्तेमाल करने पर आने वाले मैसेज में कहा गया है, ” क्रेडिट कार्ड से वॉलेट में पैसे ऐड करने पर दो फीसदी की मामूली शुल्क लगेगा क्योंकि जब आप पैसे ऐड करते हैं तो हम आपके बैंक/पेमेंट नेटवर्क को ज्यादा चार्ज देते हैं. अगर फ्री में पैसा ऐड करना चाहते हैं तो डेबिट कार्ड या यूपीआई का इस्तेमाल करें.” कंज्यूमर अगर क्रेडिट कार्ड से वॉलेट में पैसा डाल रहा तो यह मैसेज आता है. “
पीटीआई के मुताबिक पेटीएम के पेमेंट्स बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि यूजर के पास तमाम विकल्प हैं. वह यूपीआई, नेट बैंकिंग या डेबिट कार्ड से वॉलेट में पैसा डाल सकता है. प्रवक्ता ने कहा कि पेटीएम में इनसे पैसे डाले जाने पर बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनियां शुल्क लेती हैं. जो यूजर क्रेडिट कार्ड के जरिये वॉलेट में पैसा डालते हैं उन पर यह दो फीसदी चार्ज डाल दिया जाता है. हालांकि हम क्रेडिट कार्ड के अलावा दूसरे स्त्रोतों से वॉलेट में पैसा डालने का खर्च वहन करते रहेंगे.