क्रूज ड्रग्स केस की जांच कर रहे एंटी ड्रग्स एजेंसी एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत के लिए आज बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है. हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वानखेड़े के खिलाफ फिलहाल कठोर कदम नहीं उठाएं, गिरफ्तारी के 3 दिन पहले नोटिस दी जाए.
समीर वानखेड़े राज्य सरकार द्वारा गठित की गई एसआईटी जांच के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि जब जांच जारी है तो समानांतर जांच की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच CBI अथवा दूसरी केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए. समीर वानखेड़े की याचिका का राज्य सरकार ने विरोध किया.
उन्होंने कहा कि वानखेड़े के खिलाफ फिलहाल चार कंप्लेंट मिली है और मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मामले की तहकीकात कर रहे हैं. राज्य सरकार के वकील ने कहा कि जांच बेहद ही प्राथमिक स्थिति में है फिलहाल मुंबई पुलिस ने कोई FIR दर्ज नहीं की है.
बता दें कि क्रूज ड्रग्स केस में गवाह प्रभाकर सैल ने पिछले दिनों दावा किया था कि क्रूज़ जहाज छापेमारी मामले में आरोपी आर्यन खान को छोड़ने के लिए एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े सहित एजेंसी के कुछ अधिकारियों ने 25 करोड़ रुपये मांगे थे. इसी आरोप के बाद एनसीबी ने विजिलेंस टीम गठित की गई है. विजिलेंस टीम ने समीर वानखेड़े से बुधवार को चार घंटे तक पूछताछ की थी. एजेंसी ने सैल को भी पूछताछ के लिए बुलाया है.
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