सरकार ने प्याज और आलू की कीमतों को देखते हुए इनके आयात का फैसला किया है. आलू की कीमतें 40 से 50 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं वहीं प्याज की कीमत 65 से 70 रुपये तक पहुंच चुकी है. इसे देखते हुए सरकार ने अब भूटान से 30 हजार टन आलू मंगाने का फैसला किया है. वहीं 25 हजार टन प्याज मंगाया जाएगा. हालांकि सरकार की ओर यह नहीं बताया कि प्याज कहां से मंगाया जाएगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार जल्द ही 25 हजार टन प्याज और 30 हजार टन आलू आयात करने जा रही है. उन्होंने प्याज और आलू की घरेलू सप्लाई बढ़ाने और कीमतों को कम करने के लिए आयात का फैसला लिया गया है.
गोयल के मुताबिक देश में सात हजार टन प्याज आ चुका है. दीवाली तक 25,000 टन प्याज आने का अनुमान है. साथ ही नई फसल भी बाजार में आ रही है.सरकार ने इस 23 अक्टूबर से प्याज पर स्टॉक लिमिट लगा दी थी. थोक व्यापारियों के लिए 25 टन और खुदरा व्यापारियों के लिए 2 टन स्टॉक की लिमिट है. गोयल ने कहा कि प्याज के बीज की कमी ना हो, इसलिए उसके निर्यात पर रोक लगा दी गई है.
सरकार ने पिछले सीजन से ही प्याज का स्टॉक शुरू कर दिया था ताकि दाम बढ़ने के वक्त अतिरिक्त स्टॉक बाजार में उतारा जा सके. पिछले साल नैफेड ने 57 हजार टन प्याज का स्टॉक किया था. लेकिन इसमें से 30 हजार टन प्याज खराब हो चुका था. सिर्फ 57 हजार टन बाजार में उतारा जा सका. लेकिन इस बार स्थिति ठीक है. इस बार नैफेड ने एक लाख टन प्याज का स्टॉक किया था, जिसमें से सिर्फ 25 हजार टन ही खराब हुआ है. इस बीच, प्याज की कीमत बढ़ने के साथ ही केरल, असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप से 35 हजार टन प्याज का ऑर्डर मिला है. नैफेड राज्यों को 26 रुपये किलो के हिसाब से प्याज दे रहा है.