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छत्तीसगढ़ में बना सुसाइड रोकने वाला डिवाइस; इंजीनियरिंग कॉलेज की फैकल्टी ने बनाया यह डिवाइस

एक इंसान के दिमाग में किस तरह की बाते चल रही हैं। वो सुसाइड करने का तो नहीं सोच रहा है। ये सारी चीजों की जानकारी एक छोटा सा डिवाइस आपको पहले ही बता देगा। यह डिवाइस भिलाई के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज की फैकल्टी ने बनाया है और उनका दावा है कि यह डिवाइस तेजी से बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं को रोकने में मदद करेगा।

डिवाइस का आकार एक पेन की तरह है

इंजीनियरिंग कॉलेज की कंप्यूटर साइंस विभाग की फैकल्टी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग कर यह डिवाइस तैयार किया है। यह डिवाइस डिप्रेशन लेवल, फेस एक्सप्रेशन, बोलने के तरीके और हावभाव का एनालिसिस कर सुसाइडल टेंडेंसी का पता लगाएगा। इस डिवाइस का आकार एक पेन की तरह है।

डिवाइस का नाम “सुसाइड टेंडेंसी डिटेक्टिंग स्कैनर”

डिवाइस का नाम “सुसाइड टेंडेंसी डिटेक्टिंग स्कैनर” रखा गया है। इस डिवाइस को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट कर दिया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि ये डिवाइस स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पुलिस, औद्योगिक और सामान्य ऑफिसों के लिए काफी उपयोग होगा। इसका उपयोग करके डिप्रेशन से परेशान लोगों की मॉनिटरिंग करके उन्हें सुसाइड की तरफ जाने से पहले ही रोका जा सकेगा।

ऐसे काम करेगी डिवाइस

इस डिवाइस में एआई व मशीन लर्निंग की विशेष कोडिंग जैसे प्रोग्राम फीड हैं। यह उपकरण करोड़ों एक्सप्रेशन और बिहेवियर को फीड करता है। इसके बाद इसमें लगा स्कैनर उन्हें अपने प्रोग्रामिंग से मैच करता है। डिवाइस में लगा सुपर कैमरा फेस को स्कैन करता है। साथ ही बातों के दौरान आने वाले लैग और बदलावों का भी पता लगाता है। इसे मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग के दौरान एक पैन की तरह टेबल पर रख कर उपयोग कर सकेंगे। जिसकी भी काउंसलिंग की जाएगी उसे ऐसे किसी भी डिवाइस का पता भी नहीं लग पाएगा। वह सहज रूप से सारी बातें साझा करेगा। काउंसलर सवाल पूछेगा। उससे मिले जवाबों को यह डिवाइस एनालिसिस करेगा। सभी तथ्यों को परखने के बाद डिवाइस सुसाइड टेंडेंसी का ग्राफ बता देगा। इसके आधार पर उसे आगे डॉक्टर या स्पेशलिस्ट को भेजा जा सकता है।

 

 

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