देश में कॉमर्शियल गााड़ियों की बिक्री बढ़ने के अच्छे आसार दिख रहे हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन की वजह से ट्रांसपोर्ट सेक्टर को गहरा झटका लगा था. इसके बाद कॉमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. अब जबकि लॉकडाउन हटने के बाद बिजनेस गतिविधियों ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है तो कॉमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में फिर तेजी के आसार दिखने लगे हैं. कॉमर्शियल गाड़ियां बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक अशोक लेलैंड ने कहा कि आने वाले महीनों में इन गाड़ियों की बिक्री में तेज इजाफा दिख सकता है. इसी तरह केयर रेटिंग्स का भी अनुमान है कि नवंबर में कॉमर्शियल व्हेकिल्स सेगमेंट में रिटेल बिक्री में अच्छी उछाल दिख सकती है.
अशोक लेलैंड के सीएफओ गोपाल महादेवन के मुताबिक पहली तिमाही में कोरोना संक्रमण की वजह से प्रोडक्शन लगभग बंद था. हालांकि बाद में हालात थोड़े अच्छे होने शुरू हुए और अब से बाजार की हालत अच्छी होती दिख रही है. अशोक लेलैंड को दूसरी तिमाही में 96.23 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है. उनका कहना है अप्रैल-सितंबर छमाही में कॉमर्शियल गाड़ी बनाने वाली कंपनियों की बिक्री में 75 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई.
उधर, केयर रेटिंग्स का कहना है कि अक्टूबर में मासिक आधार पर कॉमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में 12.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. जबकि पैसेंजर गाड़ियों में 27.7 फीसदी की बिक्री बढ़ी है. कॉमर्शियल गाड़ियों की बिक्री में यह तेजी की शुरुआत है. केयर रेटिंग्स का कहना है कि लॉकडाउन में ढील दिए जाने से बिजनेस गतिविधियां बढ़ी हैं. इससे ट्रांसपोर्ट एक्टिविटी भी बढ़ी है. खास कर त्योहारी सीजन और आगे फसल कटाई का सीजन आने से माल ढुलाई में बढ़ोतरी दिखेगी. इसके अलावा रूरल डिमांड में इजाफा भी कॉमर्शियल व्हेकिल की बिक्री के बढ़ावा को सपोर्ट करेगी. ये सारे हालात कॉमर्शियल गाड़ियों की बिक्री को बढ़ा सकते हैं.