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ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन 70 फीसदी प्रभावी, क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे आए पॉजिटिव

AstraZeneca और ऑक्सफॉर्ड की कोरोना वायरस वैक्सीन AZD1222 का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है. इस वैक्सीन के काफी अच्छे नतीजे मिले हैं. एस्ट्राजेनेका ने कहा, यूके और ब्राजील में AZD1222 के क्विलीनिकल ट्रायल के एक अंतरिम अनालिसिस से कोविड-19 को रोकने के पॉजिटिव रिजल्ट सामने आए हैं.

एस्ट्राजेनेका ने कहा, कोरोना की वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी थी, जब AZD1222 की आधी खुराक दी गई, इसके बाद एक महीने के भीतर आधी बची खुराक भी दे दी गई. जब एक महीने बाद दूसरी पूरी खुराक दी गई तो ये 62 फीसदी प्रभावी थी. संयुक्त विश्लेषण में वैक्सीन की 70 फीसदी की औसत प्रभावकारिता है.

बता दें, भारत सरकार द्वारा पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फॉर्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा मिलकर बनाई जा रही कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन के लिए आपात मंजूरी दी जा सकती है. वैक्सीन की प्राइवेट मार्केट में कीमत 500 से 600 रुपये के बीच हो सकती है. बहुत ज्यादा मात्रा में डोज खरीदने पर सरकार को यह वैक्सीन आधी कीमत यानी 3 से 4 डॉलर या 225 से 300 रुपये में मिलेगी. भारत को नए साल के शुरुआत यानी जनवरी के अंत और फरवरी के शुरू में कोविड वैक्सीन मिलने की संभावना है.

दुनिया में कई देश कोरोना वायरस वैक्सीन की खोज कर रहे हैं. वहीं दवा निर्माता कंपनियां फाइजर और मॉडर्ना ने कोरोना वैक्सीन को लेकर काफी उम्मीदें जताई हैं. इनकी दवा काफी प्रभावी बताई जा रही है, साथ ही ट्रायल के कई चरणों पर भी अच्छा परिणाम दिया है. हालांकि कई विशेषज्ञों ने वैक्सीन की दुनिया में वितरण के लिए एक निष्पक्ष प्रणाली को लेकर चिंता जाहिर की है.

Pfizer और BioNTech की वैक्सीन उम्मीदवार BNT162b2 को हाल ही में 95% बिना किसी बड़ी सुरक्षा चिंताओं के प्रभावी पाया गया. इसके अलावा Moderna का कहना है कि प्रारंभिक फेज तीन ट्रायल डेटा से पता चलता है कि उसकी वैक्सीन 94.5% तक प्रभावी थी. हालांकि अभी तक किसी भी वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी गई है लेकिन फिर भी कई देश एडवांस में ही कोरोना वैक्सीन को खरीदने की होड़ में लग गए हैं.

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