कतर में फीफा विश्व कप 2022 की शुरुआत से पहले ही समलैंगिकता का मुद्दा लगातार चर्चा में रहा था। कतर में समलैंगिकता के कानून काफी मुश्किल हैं और कई खिलाड़ियों ने कहा था कि वह एलजीबीटीक्यू समुदाय के प्रदर्शन का हिस्सा बनेंगे। कतर में समलैंगिकता को अपराध माना जाता है। यहां किन्नरों को भी मेडिकल ट्रीटमेंट के जरिए समान्य महिला या पुरुष बनाने की कोशिश की जाती है। वहीं, अन्य देशों में समलैंगिकता को मान्यता मिल चुकी है।
एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा लेकर मैदान में घुसा
इस बीच फीफा विश्व कप में पुर्तगाल और उरुग्वे के मैच के दौरान एक फैन एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा लेकर मैदान में घुस गया। इसके बाद अधिकारियों ने उस फैन के पकड़ा और उससे झंडा छीन लिया। इससे पहले कतर के अधिकारियों ने ब्राजील के फैंस से उनका झंडा छीन लिया था, क्योंकि उन्हें लगा कि यह एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा है। हालांकि, बाद में अधिकारियों को इस मामले में माफी भी मांगनी पड़ी थी।
???️??? | #Qatar's police have arrested a man for running into the pitch during a #WorldCup match while waving an #LGBTQ rainbow flag and wearing a t-shirt that says 'Save Ukraine'. pic.twitter.com/V1oTdabBss
— Terror Alarm (@Terror_Alarm) November 29, 2022
कतर में समलैंगिकता के कानून का विरोध जरूर दर्ज हुआ
पुर्तगाल और उरुग्वे के मैच में जो फैन एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा लेकर मैदान में घुसा था। उसने खास टी शर्ट भी पहनी थी। इस टी शर्ट में सुपरमैन का लोगो था और लिखा था कि यूक्रेन को बचाएं। हालांकि, इस मामले पर ज्यादा बवाल नहीं हुआ, लेकिन कतर में समलैंगिकता के कानून का विरोध जरूर दर्ज हुआ।
इस मुकाबले में पुर्तगाल ने उरुग्वे को 2-0 से हराकर 2018 की हार का बदला ले लिया। पु्र्तगाल के लिए दोनों गोल ब्रूनो फर्नाडिस ने किए। उन्होंने मैच के 54वें मिनट में पहला गोल दागा और दूसरे हाफ के इंजरी टाइम में दूसरा गोल किया। हालांकि, वह अपनी हैट्रिक पूरी करने से चूक गए। उनका एक प्रयास असफल रहा। गेंद गोल पोस्ट में लगकर बाहर चली गई।
कतर में सरिया नियमों के अनुसार समलैंगिकता अपराध है
कतर में सरिया नियमों के अनुसार समलैंगिकता अपराध है। किसी भी समलैंगिक गतिविधि में शामिल होने पर किसी भी व्यक्ति को सजा हो सकती है। सजा में सात की जेल से लेकर मरने तक पत्थर मारना भी शामिल है। कतर में शादी के बिना शारीरिक संबंध बनाने पर भी कड़ी सजा दी जाती है। कई मिडिया रिपोर्ट के अनुसार यहां समलैंगिक लोंगों को पकड़कर एक कमरे में बंद कर दिया जाता है और किन्नरों को थैरिपी के जरिए सामान्य महिला या पुरुष बनाने की कोशिश भी की जाती है।
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