बर्गर किंग का आईपीओ 2 दिसंबर को खुलेगा और 4 दिसंबर को बंद होगा. इसका फेस वैल्यू दस रुपये प्रति शेयर है. इसकी लिस्टिंग एनएसई और बीएसई पर हो सकता है. निवेशक न्यूनतम 250 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं.
बर्गर किंग आईपीओ से 810 करोड़ रुपये जुटाएगी . इसके शेयरों की प्राइस बैंड 59-60 रुपये रखी गई है. इसमें 450 करोड़ रुपये इक्विटी शेयर के तौर पर होंगे और 360 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल के जरिये.
बर्गर किंग इंडिया भारत में बर्गर किंग ब्रांड की मास्टर फ्रैंचाइजी है. दुनिया भर में यह दूसरा बड़ा बर्गर ब्रांड है. दुनिया के 100 देशों में इसके 18,675 रेस्तरां हैं.
भारत में बर्गर किंग अभी मुनाफा दर्ज नहीं करा पाई है. 20 सितंबर को खत्म हुई छमाही में इसका घाटा 118.9 करोड़ रुपये का था. लेकिन कंपनी की संभावना अच्छी है और आगे यह मुनाफा कमा सकती है. कंपनी का राजस्व 135 करोड़ रुपये का है.
भारत में बर्गर किंग की प्रतिस्पर्धा वेस्टलाइफ डेवलपमेंट के मैकडोनाल्ड, जुबिलेंट फूडवर्क्स के डोमिनो पिज्जा. केएफसी,सबवे और पिज्जा हट जैसे ब्रांड से है.
प्राइवेट इक्विटी फर्म एवरस्टोर ग्रुप की कंपनी बर्गर किंग इंडिया के शेयर आईपीओ आने से पहले ही ग्रे मार्केट में 40 फीसदी प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं. ग्रे मार्केट में इसके शेयर 20 से 25 रुपये प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं. इसका प्राइस बैंड50 से 60 रुपये है. बर्गर किंग का आईपीओ दो दिसंबर को खुलेगा और 4 दिसंबर को बंद होगा. बर्गर किंग इसके जरिये 810 करोड़ रुपये जुटाएगा.
कंपनी ने IPO से पहले पब्लिक मार्केट इनवेस्टर अमांसा इनवेस्टमेंट्स से 92 करोड़ रुपये जुटाए हैं. अमांसा को कंपनी ने 58.5 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से अलॉट किया था. कंपनी के मुताबिक उसकी प्रमोटर कंपनी क्यूएसआर एशिया 360 करोड़ रुपये छह करोड़ शेयर बेचेगी. कंपनी ने आईपीओ से पूर्व नियोजन के तहत राइट्स इश्यू के जरिये 58.08 करोड़ रुपये और प्रीफरेंस अलॉटमेंट के जरिये 91.92 करोड़ रुपये जुटाए.