नई दिल्ली: कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के बीच ब्रिटेन से एक राहत देने वाली खबर सामने आई है. ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए फाइजर की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही आने वाले कुछ ही दिनों में फाइजर/बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन ब्रिटेन में आम लोगों को मुहैया करवाई जाएगी. हालांकि ब्रिटेन का ऐलान भारत के लिए कोई सौगात लेकर नहीं आया है.
भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या एक करोड़ के आंकड़े की तरफ बढ़ रही है. विश्व में कोरोना वायरस के कारण भारत सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है. ऐसे में भारत को कोरोना वैक्सीन की काफी ज्यादा दरकार है. लेकिन ब्रिटेन की ओर से फाइजर की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी देना भारत पर किसी भी प्रकार का सकारात्मक असर नहीं डालेगा.
दरअसल, फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन का रखरखाव काफी अहम है. इस वैक्सीन को लगभग -70C पर संग्रहित किया जाना चाहिए. इस वैक्सीन को एक बार अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचाने के बाद इसे फ्रिज में पांच दिनों तक रखा जा सकता है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में तापमान अलग है. भारत गर्म देशों की लिस्ट में आता है. ऐसे में भारत के तापमान के हिसाब से ये वैक्सीन भारत के लिए सौगात नहीं है.
विशेषज्ञों का कहना है कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन को प्रीजर्व करना काफी मुश्किल है. फाइजर की कोरोना वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री तापमान में संग्रह करना होगा. वहीं भारत का तापमान काफी ज्यादा है. ऐसे में भारत में इस वैक्सीन को संग्रह करना काफी मुश्किल होगा. यह वैक्सीन भारत के तापमान के हिसाब से नहीं बनी है. जबकि भारत में जिन वैक्सीन पर काम चल रहा है, वह यहां के तापमान के हिसाब से बनी है.
इसके अलावा ब्रिटेन में नागरिकों को फाइजर वैक्सीन की दो खुराक दी जाएगी. ब्रिटेन की जनसंख्या सात करोड़ से भी कम है. ऐसे में ब्रिटेन की संख्या को दो खुराक देने में ज्यादा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. हालांकि भारत की 130 करोड़ की आबादी को फाइजर वैक्सीन की दो खुराक देना ज्यादा पेरशानी वाला और महंगा पड़ेगा.
वहीं हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस बात पर जोर देते हुए कहा था कि भारत को फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन की जरूरत ही न पड़े, क्योंकि देश के अंदर जिन वैक्सीन के ट्रायल किए जा रहे हैं उसने अभी तक बेहतर परिणाम दिखाए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि फाइजर की वैक्सीन के बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं बनता है.