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जिनकी लागी रे लगन भगवान से उनका भी दिया भी जलेगा तूफान से : नारायण महाराज

गरियाबंद।जिनकी लागी रे लगन भगवान से उनका भी दिया भी जलेगा तूफान से , तन का दीपक मन की बाती प्रभु भजन का तेल रे , काहे को तू घबराता है , ये तो प्रभु का खेल रे , इस दुनिया मे कौन बनाये ,सबके बिगड़े काम अनहोनी को होनी कर दे जिनका नाम है भुतेश्वरनाथ रे

श्री हरि सत्संग मण्डल द्वारा आयोजित गरियाबंद के गाँधी मैदान में श्री भुतेश्वरनाथ शिव महापुराण के छठवें दिवस आज पूज्य महराज श्री नारायण जी महाराज के सुमधुर आवाज इस भजन ने हजारों की संख्या में मौजूद श्रोताओँ को भावुक कर दिया ।
कथा में आज उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति माँस और मदिरा सेवन करता है वो कितना भी दान करे , पुण्य करे चाहे पूजा करे उसको कुछ भी फल नहीं मिलता , और जब तक माँस मदिरा नहीं छोड़ते तब तक गुरु दीक्षा और तुलसी माला धारण करने के योग्य नही हो सकते , प्रत्येक सनातनियो को सबसे पहले ये पात्रता स्वीकारना पड़ेगा हमे ऐसा कोई कर्म नहीं करना चाहिए जिससे हम भगवान के और गुरु के सम्मुख बैठने के लायक नही बन पाते।

श्री हरि सत्संग मण्डल गरियाबंद द्वारा आयोजित शिव पुराण में आज शनिवार को प्रातः 9 बजे से कथा पण्डाल में ही होगा भगवान श्री भुतेश्वरनाथ का अभिषेक और भगवान शिव जी के रुद्राक्ष का अभिषेक , भगवान शिव जी मे रुद्राक्ष धारण करा के अभिषेक किया जाएगा और फिर उसी रुद्राक्ष करके सभी शिव भक्तों को अंतिम दिवस को प्रसाद के रूप में बांटे जायेंगे ।

पण्डाल उस समय ताली से गूंज ऊठा जब कथा में श्री नारायण जी महाराज ने ये पद पढ़े..
इस संसार की गतिविधियों में नही अधिकार किसी का है , जिनको हम परमात्मा कहते ये सब खेल उसी का है , मिट्टी काली पीली हरे मन आसमान का रंग है नीला ,सूर्य सुनहरा चंद्रमा शीतल , ये सब उसकी है लीला , सबके भीतर स्वयं छिप गया ,सृजनहार सृष्टि का है , जिनको हम परमात्मा कहते ये सब खेल उसी का है ,राजेश्वर आनन्द अगर तुम चाहो तो मानो शिक्षा , तज अभियान मिला दो ऊनकी ईच्छा में अपनी ईच्छा , यही भक्ति का भाव है प्यारे , सूत्र यही भक्ति का है ,जिनको हम परमात्मा कहते ये सब खेल उसी का है

आगे प्रवचनकार श्री नारायण जी महाराज ने बताया कि जीवन मे सत्संग से बड़ा कोई लाभ नही होता , सत्संग से ही जीवन बदलता है , सन्त समागम से बड़ा कोई लाभ नही जीवन मे लेकिन ये अवसर अत्यंत कठिनता से आता है , और भगवान की कृपा के बिना सम्भव नही होता ।

हजारों की संख्या में उपस्थित शिव भक्त कथा प्रेमियों को कहा कि जीवन को ऐसे जीवो जैसे हर पल हर क्षण उत्सव हो , जीना एक बड़ी कला , मरना तो सबको आता है ,लेकिन ये अटल सत्य है मरने से डरने वाले को जीना दूभर हो जाता है।

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