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हाथियों के दल ने मचाया उत्पात , 12 घर तोड़े, भैंस को कुचला, ग्रामीण दहशत में

उदयपुर। हाथी दल ने 9 दिनों में 12 घर तोड़े, वहीं एक भैंसे को कुचलकर मार डाला। दर्जन भर गांवों के ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं। हाथी मानव द्वंद के साथ हाथी व मवेशियों का द्वंद भी उदयपुर वन परिक्षेत्र के जंगल में लगातार जारी है,ताजा मामला सोमवार की रात का है। ग्राम गुमगा के मोहल्ला डाहीमार में 9 हाथियों के दल ने सोमवार की रात एक बजे करीब जीतू मझवार के घर के बाहर पेड़ से बंधे भैंस को हाथियों ने पहले अपने दांत से हमला कर घायल किया फिर पैरों से कुचलकर मार डाला।

वन अमला द्वारा प्रशिक्षु डीएफओ अक्षय भोसले के नेतृत्व में मंगलवार की सुबह पशु चिकित्सक को साथ लेकर घटना स्थल जाकर भैंसे के शव का पोस्टमार्टम कराकर मुआवजा प्रकरण बनाया जा रहा है। 11 दिसम्बर से 9 हाथियों का दल सूरजपुर जिले के तारा से होते हुये सरगुजा जिले परसा साल्ही गुमगा मुडग़ांव के जंगलों में लगातार विचरण कर रहा है। इस दौरान हाथियों ने लगभग 12 घरों को नुकसान पहुंचाया है ठंड के दिनों में अपने घरों के टूटने से ग्रामीण काफी आहत नजर आ रहे हंै।

हाथियों के मूवमेंट पर नजर रख रहे वन अमला द्वारा संबंधित ग्रामों में मुनादी कराकर, जरूरत पडऩे पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। हाथियों ने अभी तक ग्राम गुमगा डाहीमार में छंदन, सालन, करीमन, ललान, जगत, दिलबोध सभी जाति पण्डो तथा जीतू मझवार सहित अन्य लोगों के घरों को नुकसान पहुंचाया है।

हाथियों के हमले का दंश उदयपुर वन परिक्षेत्र के लोग विगत कई वर्षों से झेल रहे हैं, दर्जन भर के करीब मौतें हाथियों के हमले से विगत एक दशक में हो चुकी है। जंगलों का सिमटता दायरा हाथी और मानव द्वंद का कारण बनता जा रहा है। हाथियों के रहवास क्षेत्र में खदानों का संचालन भी इसका बड़ा कारण है। हाथियों की निगरानी में परिक्षेत्र सहायक अजीत सिंह, चन्द्रभान सिंह, शशिकान्त सिंह दुर्गेश सिंह, वन रक्षक अमरनाथ,विश्णु, अवधेश, आर्मा कुमार, रिसी, दिनेश तिवारी, धनेष्वर सिंह सहित अन्य स्टॉफ लगातार डटे हुये हैं।

 

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