म्यूचुअल फंड निवेशकों का एक बार फिर स्मॉल कैप फंडों की ओर रुझान बढ़ता दिख रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि जो निवेशक जोखिम ले सकते हैं वे इन इक्विटी फंडों में अपना निवेश बढ़ा सकते हैं, जो स्मॉल कैप कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. दरअसल स्मॉल कैप फंडों का अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन करना अभी बाकी है. इसके अलावा ब्याज दरें सस्ती होने की वजह से स्मॉल कैप. कंपनियों को अपने बिजनेस को विस्तार देने में मदद मिली है. इसका फायदा स्मॉल कैप फंडों को मिलता दिख रहा है.
फंड मैनेजरों का कहना है स्मॉल कैप फंडों में से अधिकतर ने मार्च में भारी गिरावट के बाद लगभग दोगुना रिटर्न दिया है लेकिन 2021 में इनके फिर चमकने की संभावना है. वैसे, पिछले तीन साल के दौरान स्मॉल कैप फंड, लार्ज कैप फंडों के मुकाबले प्रदर्शन में काफी पिछड़े हुए साबित हुए हैं. जनवरी 2018 के बाद से निफ्टी ने 29 फीसदी रिटर्न दिया, लेकिन निफ्टी स्मॉल कैप 100 इंडेक्स में 28 फीसदी की गिरावट आई है. इससे इनकी वैल्यूएशन लार्ज कैप फंडों से सस्ती हुई है.
विशेषज्ञों का कहना है कि स्मॉल कैप में पिछले कुछ साल में करेक्शन आया है और वैल्यूएशन लॉन्ग टर्म एवरेज के करीब है. इसलिए लॉन्ग टर्म की रणनीति के हिसाब से स्मॉल कैप में निवेश की सलाह दी जा सकती है. हालांकि पिछले तीन साल के दौरान 14 स्मॉल कैप फंडों में से सात के निवेशकों को अभी तक रिटर्न नहीं मिला है. सिर्फ एक ने आठ फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. लेकिन अब इनमें रिटर्न की संभावना बनती दिख रही है.