अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के बिशुनपुर गांव में रविवार को दशगात्र का खाना खाकर करीब 66 ग्रामीण फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। इनमें महिलाएं व् बच्चे बड़ी संख्या में शामिल हैं। दोपहर को भोजन के बाद सभी को उल्टी-दस्त होने लगा तो रामानुजनगर बीएमओ को इसकी सूचना दी गई। चिकित्सकों को भेजकर बिशुनपुर में कैंप लगाकर ग्रामीणों का उपचार शुरू किया गया। गंभीर हालत में 40 लोगों को सूरजपुर जिला अस्पताल भेजा गया। सभी की हालत अब खतरे से बाहर है।
मामला सूरजपुर जिले के रामानुजनगर विकासखंड के बिशुनपुर गांव का है। गांव के एक पारे में दशगात्र का भोजन रविवार को करीब सौ लोगों ने खाया। खाना खाने के बाद लोगों को उल्टी होने लगी एवं दस्त भी शुरू हो गया। बड़ी संख्या में लोगों के उल्टी-दस्त से पीड़ित होने की जानकारी रामानुजनगर बीएमओ को दी गई। बीएमओ आरके विश्वकर्मा सहित चिकित्सक ब्लाक मुख्यालय के स्वास्थ्य अमले के साथ गांव में पहुंचे और कैंप लगाकर इलाज शुरू किया गया। शाम तक जिनकी हालत ज्यादा खराब थी, उन्हें तत्काल जिला अस्पताल सूरजपुर के लिए रिफर कर दिया गया। सूरजपुर जिला अस्पताल में सभी पीड़ितों की हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
सौ से ज्यादा ने किया था भोजन, 66 की तबियत बिगड़ी
दशगात्र के मृत्युभोज में सौ से अधिक लोगों ने खाना खाया था। इनमें से 66 उल्टी-दस्त की चपेट में आ गए थे। बीएमओ डा. आरके विश्वकर्मा ने बताया कि गांव में कैंप लगाकर इलाज में 26 लोग ठीक हो गए। 40 पीड़ितों को सूरजपुर जिला अस्पताल भेजा गया था, जिनकी हालत अब खतरे से बाहर है। जिला अस्पताल में दाखिल कराए गए 40 पीड़ितों में 30 महिलाएं एवं बच्चे हैं। जिला अस्पताल में भर्ती पीड़िता रीता व मानमती ने बताया कि दशगात्र में खाना खाने के करीब आधे से एक घंटे बाद ही सभी लोगों को उल्टी व दस्त होने लगा। कुछ देर में ही बच्चों एवं महिलाओं की हालत ज्यादा खराब होने पर सभी को जिला अस्पताल भेजा गया।
बासी बड़ा हो चुका था ख़राब
बीएमओ डा. आरके विश्वकर्मा के अनुसार शनिवार शाम को लोगों को खाना खिलाया गया था। बचा हुआ खाना रविवार दोपहर लोगों को बांटा गया। इसमें बड़ा बासी होने के साथ संभवतः खराब हो चुका था, जिसके कारण फूड प्वाइजनिंग होने की जानकारी सामने आई है। ऐहतियातन पीड़ितों को निगरानी में रखा गया है।