सरकार चावल, गेहूं, जौ, मक्का और गन्ने से एथेनॉल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए इंटरेस्ट सबवेनशन के जरिये 4573 करोड़ का फंड देगी. पेट्रोल में एथेनॉल की ब्लेडिंग को बढ़ावा देकर सरकार किसानों की आय में इजाफा करना चाहती है. सरकार का कहना है एक तो इससे किसानों की आय बढ़ेगी और दूसरी ओर तेल आयात का खर्चा भी घटेगा.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट पूरा करना चाहती है. उसका इरादा 2030 तक इस लक्ष्य को हासिल कर लेना है. इससे किसानों की आय में तो इजाफा होगा ही तेल आयात में भी कमी आएगी. साथ ही पर्यावरण के लिए बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह की परियोजनाओं के लिए पांच साल तक इंटरेस्ट सबवेंशन को वहन करेगी. साथ ही इस तरह की कर्ज पर एक साल तक छूट मिलेगी.
सरकार ने एथेनॉल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन के मद में 8640 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इसके तहत 4,687 करोड़ रुपये के इंटरेस्ट सबवेंशन डिस्टरलीज को देने की मंजूरी मिल चुकी है. इस वक्त देश में 426 करोड़ लीटर एथेनॉल का प्रोडक्शन किया जाता है. 2030 तक इसे बढ़ा कर 1750 करोड़ लीटर करने का लक्ष्य है. इसके लिए सरकार को कम से कम 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की जरूरत पड़ेगी.