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चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को इन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान

चंद्र ग्रहण : पंचांग के अनुसार 26 मई, बुधवार को वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इस वर्ष कुल चार ग्रहण लग रहे हैं. जिसमें से दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण है. साल का प्रथम चंद्र ग्रहण वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लग रहा है.

चंद्र ग्रहण को लेकर शास्त्रों में कुछ विशेष नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि ग्रहण के समय चंद्रमा पीड़ित हो जाता है और ग्रहण की प्रक्रिया के दौरान चंद्रमा पर कुछ ऐसी ऊर्जा निकलती है जो मनुष्यों को भी प्रभावित करने की क्षमता रखती है. ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है.

सूतक काल 

चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक काल आरंभ होता है. 26 मई 2021 को लगने वाले चंद्र ग्रहण को उपछाया ग्रहण माना जाता है. मान्यता है कि जब चंद्र ग्रहण पूर्ण होता है, तभी सूतक के नियमों का पालन करने की बात कही जाती है. सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं और कोई भी शुभ कार्य और भोजन इत्यादि जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं.

चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं इन बातों का ध्यान रखें

बुधवार को लगने वाले चंद्र ग्रहण को उपछाया चंद्र ग्रहण माना जा रहा है, लेकिन फिर भी एहतियातन गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. इसलिए ग्रहण के दौरान इन कार्यों को करने से बचना चाहिए-

  • ग्रहण लगने से पूर्व स्नान करना चाहिए.
  • ग्रहण के दौरान भगवान का स्मरण करना चाहिए.
  • मन में नकारात्मक विचार नहीं रखने चाहिए.
  • तनाव और विवाद की स्थिति से बचना चाहिए.
  • क्रोध और अहंकार न करें.
  • धारदार चीजों को स्पर्श न करें.
  • ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए.

ग्रहण के बाद क्या करें

ग्रहण समाप्त होने के बाद कुछ कार्य बताए गए हैं, इन्हें ध्यान में रखकर करने से ग्रहण का दोष दूर होता है-

  • ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें.
  • जरूरतमंद व्यक्तियों को दान दें.
  • नया भोजन बनाकर खाना चाहिए
  • रखा हुआ पानी और भोजन ग्रहण न करें.
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