क्रेडिट स्कोर आपको लोन दिलाने में सबसे अहम भूमिका निभाता है. जिनका क्रेडिट स्कोर खराब होता है उन्हें लोन मिलने में दिक्कत होती है. क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है. आम तौर पर 750 से अधिक क्रेडिट स्कोर को अच्छा माना जाता है. जिनका क्रेडिट स्कोर ज्यादा होता है उन्हें लोन मिलने की संभावना भी अधिक होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रेडिट स्कोर आखिर कैसे तय होता है. आज हम आपको यही बताएंगे.
क्रेडिट ब्यूरो
- ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर कई क्रेडिट ब्यूरो तय करते हैं.
- प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो में ट्रांस यूनियन सिबिल एक्सपेरियन, सीआरआईएफ हाई मार्क और इक्विफैक्स शामिल हैं.
क्या करते हैं क्रेडिट ब्यूरो
- आपका हर महीने बिल और लोन की किश्त चुकाने का रिकॉर्ड रखते हैं.
- कुछ सालों के रिकॉर्ड के आधार पर वह आपके क्रेडिट स्कोर की गणना करते हैं.
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो यानी CUR का मतलब है कि आपके क्रेडिट कार्ड की जो क्रेडिट लिमिट है, उसका एक महीने में आप कितना इस्तेमाल करते हैं.
- क्रेडिट स्कोर पर CUR का बहुत प्रभाव पड़ता है. आपका CUR इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड का कितना इस्तेमाल करते हैं.
- जितना अधिक आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करेंगे उतना ज्यादा आपका CUR होगा.
पुराना क्रेडिट कार्ड
- आपके लोन का काफी पुराना होना या कई सालों से क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करना क्रेडिट स्कोर के लिहाज से अच्छा माना जाता है.
- दरअसल इससे पता चलता है कि आप लोन का सही इस्तेमाल करते हैं. आप समय पर उसकी किस्त चुकाते हैं.
बार-बार न करें आवेदन
- लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए बार-बार आवेदन न करें.
- क्रेडिट स्कोर के लिहाज से यह अच्छा नहीं माना जाता है. इससे क्रेडिट स्कोर में कमी आती है.
लोन का पेमेंट सही समय पर करें
- आप लोन की ईएमआई नियमित रूप से चुकाएं और इसमें न चूकें.
- अगर आप एक बार देर से पेमेंट करते हैं या डिफॉल्ट करते हैं तो इससे क्रेडिट स्कोर 100 अंक तक घट सकता है.
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