पंचांग के अनुसार 09 सितंबर 2021, गुरुवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है. हरतालिका तीज का पर्व सुहागिन स्त्रियों को समर्पित है. इस दिन स्त्रियां व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु और सफलता की प्रार्थना करती हैं. हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है. हरतालिका की पूजा में विशेष चीजों का शामिल किया जाता है, ये सभी चीजें सुहाग से जुड़ी होती हैं, आइए जानते हैं हरतालिक तीज की पूजा सामग्री के बारे में-
सुहाग की पिटारी
हरतालिका तीज में सुहाग की पिटारी तैयार की जाती है. इस पिटारी में सुहाग से जुड़ी चीजों को शामिल किया जाता है. इस पिटारी को ध्यान से और पूरी श्रद्धा से तैया करना चाहिए. पिटारी में इन चीजों को स्थान दिया जाता है-
- सिंदूर
- मेहंदी
- बिंदी
- कुमकुम
- चूड़ी
- बिछिया
- काजल
- कंघी
- माहौर
हरतालिका पूजा सामग्री (Hartalika Teej Ka Saman)
हरतालिका तीज के व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना गया है. इस व्रत को निर्जला रखा जाता है, यानि इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाता है, इसी कारण इस व्रत को कठिन माना गया है. हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. हरतालिका तीज की पूजा की थाली को सजाते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए. पूजा की थाली में इन चीजों को शामिल करना चाहिए-
- सूखा नारियल
- कलश
- अबीर
- चन्दन
- घी
- शहद
- बेलपत्री
- शमी का पत्ता
- केले का पत्ता
- धतूरे का फल
- आक का फूल
- तुलसी
- मंजरी
- कलावा
- पांच प्रकार के फल
- इत्र
- कपूर
- कुमकुम
हरतालिका तीज मुहूर्त
प्रातःकाल मुहूर्त- 06:02:45 से 08:32:59 तक
अवधि- 2 घंटे 30 मिनट
प्रदोष काल पूजा का मुहूर्त- 18:33:58 से 20:51:49 तक
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