रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने मामले में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मूर्ति विसर्जन के अपमानजक तरीके को लेकर पहले ही तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था. उसके बाद तत्काल जांच कमेटी गठित की गई. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ज़िम्मेदारी तय करते हुए ज़ोन कमिश्नर को नेतराम चंद्राकर को पद से हटाते हुए निगम कार्यालय में अटैच कर दिया गया है.
इसके साथ कचरा गाड़ी से विसर्जन का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि ज़बरन अफ़वाह फैलाई गई. ऐसे अज्ञात लोगों पर एफ़आइआर दर्ज भी कराया जाएगा. विसर्जन कार्य के लिए जितने भी गाड़ियां लगी थी, उसमें एक भी कचरा गाड़ी नहीं है. वहीं मूर्ति खंडित होने पर कहा कि अगर एक अस्थायी विसर्जन कुंड बनाया गया है, जहाँ से मूर्ति को निकालते हैं तो कहीं न कहीं मूर्ति थोड़ा बहुत खंडित हो जाता है.
मूर्ति विसर्जन के तरीके से हम भी आहत
भाजपा पर निशाने साधते हुए महापौर ने कहा कि कम से कम धर्म के मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. जिस तरह के मामले को तूल दिया गया, लेकिन यहां पर वो क़ामयाब नहीं हो पाए. हमने तत्काल पहले कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई, उसके बाद ज़िम्मेदार अधिकारी जोन कमिश्नर को भी हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मूर्ति विसर्जन किया गया वो बिलकुल ग़लत है. इससे हम लोग भी आहत हुए हैं.
सोशल मीडिया में वायरल हुई थीं तस्वीरें
बता दें कि तीन दिन पहले सोशल मीडिया में गणपति प्रतिमाओं को अपमानजनक तरीके से विसर्जित किए जाने का तस्वीरें वायरल हुई थी. रायपुर के महादेव घाट की इन तस्वीरों में निगम कर्मचारी गणपति बप्पा की मूर्तियों को अपमानजनक तरीके से विसर्जन कुंड में फेंकते हुए नजर आए थे. मामले में सोशल मीडिया में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था, जिसके बाद रायपुर निगम ने जांच कमेटी गठित की थी. जिसके रिपोर्ट पर अब कार्रवाई की गई है.
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