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कृषि विश्वविद्यालय में 418 सीटों की बढ़ोतरी, शैक्षणिक सत्र 2021-22 में कुल 3676 सीटें प्रवेश हेतु उपलब्ध

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कृषि शिक्षा के विस्तार को नया आयाम देते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित विभिन्न महाविद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 हेतु स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में कुल 418 सीटों की वृद्धि की गई है। स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में 401 सीटों की बढ़ोतरी हुई है वहीं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 17 सीटों की बढ़ोतरी की गई है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की विद्या परिषद द्वारा सीटों की संख्या में वृद्धि का अनुमोदन कर दिया गया है।

बी.एस.सी. कृषि पाठ्यक्रम में 305 सीटों की बढ़ोतरी के साथ शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रवेश हेतु कुल 2151 सीटंे उपलब्ध हैं। बी.एस.सी. उद्यानिकी में 58 सीटों की बढ़ोतरी के साथ कुल 610 सीटें तथा बी.टेक. कृषि अभियांत्रिकी में 20 सीटों की वृद्धि के साथ कुल 282 सीटें उपलब्ध हैं। इसी प्रकार बी.टेक. खाद्य प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम में 18 सीटों की अभिवृद्धि के साथ कुल 44 सीटें विद्यार्थियों के प्रवेश हेतु उपलब्ध होंगी। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 17 सीटों की बढ़ोतरी के साथ अब विद्यार्थियों के लिए 478 सीटें उपलब्ध होंगी। इस प्रकार इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित स्नातक, स्नातकोत्तर एवं शोध पाठ्यक्रमों में अब कुल 3676 सीटें विद्यार्थियों के प्रवेश हेतु उपलब्ध कराई गई है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा लिए गए इस निर्णय से कृषि शिक्षा हेतु इच्छुक विद्यार्थियों के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुल गए हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना के उपरान्त यहां कृषि शिक्षा के क्षेत्र में आशातीत वृद्धि हुई है। राज्य निर्माण के समय वर्ष 2000-2001 में छत्तीसगढ़ में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत केवल रायपुर में एक कृषि महाविद्यालय संचालित था जहां स्नातक पाठ्यक्रमों में कुल 85, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में कुल 132 और शोध पाठ्यक्रमों में कुल 10 सीटें उपलब्ध थीं। इस प्रकार राज्य स्थापना के समय छत्तीसगढ़ में कृषि शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रमों में कुल 227 सीटें ही विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध थी। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यहां विभिन्न वर्षाें में शनैः शनैः नये कृषि महाविद्यालय, उद्यानिकी महाविद्यालय, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, वानिकी महाविद्यालय तथा खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना की गई। शासकीय महाविद्यालयों के साथ ही निजी महाविद्यालयों की स्थापना भी की गई। वर्तमान में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कुल 31 कृषि महाविद्यालय संचालित हैं जिनमें 22 शासकीय कृषि महाविद्यालय तथा 9 निजी कृषि महाविद्यालय शामिल हैं। यहां कुल 11 उद्यानिकी महाविद्यालय संचालित हैं जिनमें 7 शासकीय तथा 4 निजी उद्यानिकी महाविद्यालय हैं।

इसी प्रकार 4 कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में दो शासकीय क्षेत्र में तथा दो निजी क्षेत्र में संचालित हैं। एक शासकीय वानिकी महाविद्यालय तथा एक खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय भी संचालित किए जा रहे हैं। इस प्रकार वर्तमान समय में राज्य में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में कुल 48 महाविद्यालय संचालित हैं जिनमें 33 शासकीय क्षेत्र में तथा 15 निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं। राज्य में महाविद्यालयों तथा उनके अंतर्गत संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या में बढ़ोतरी से कृषि शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थियों को स्थानीय स्तर पर गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा मिल रही है। इसी प्रकार राजधानी रायपुर के अलावा प्रदेश के विभिन्न अंचलों में स्थित कृषि महाविद्यालयों – बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर और भाटापारा में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की शुरूआत होने से उन क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों को स्थानीय स्तर पर ही स्नातकोत्तर शिक्षा की सुविधा भी प्राप्त हो रही है।

 

 

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