भारत में गुरुवार को 100 करोड़ वैक्सीन डोज का आंकड़ा पार कर लिया. सरकार को उम्मीद है की अगले कुछ महीनों में देश की व्यस्क आबादी का टीकाकरण हो जाएगा. अब सबको इंतजार है कि बच्चों की वैक्सीन कब तक आएगी. जानकारों के मुताबिक बच्चों के लिए वैक्सीन अगले साल मार्च तक आने की उम्मीद है. इसको लेकर चर्चा और तैयारी दोनों तेज़ी से चल रही है. भारत मे 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का कोरोना टीकाकरण काफी तेजी से चल रहा है और 100 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ो के मुताबिक भारत मे शुक्रवार सुबह तक 1,00,59,04,580 डोज दी जा चुकी है. वयस्कों में टीकाकरण तेज़ी से हो रहा है और अब लोगों को इंतजार बच्चों की कोरोना वैक्सीन का जिसे बच्चे भी इस बीमारी से बच जाएं. तो आखिर कब आएगी बच्चों की कोरोना वैक्सीन. जानकारों की माने तो अगले साल की पहली तिमाही यानी मार्च तक बच्चों की वक्सीन आने की संभावना है.
कोरोना वैक्सीन पर फैसला लेनेवाली NTAGI यानी नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन के सदस्य डॉ एन के अरोड़ा के मुताबिक बच्चों की वैक्सीन पर चर्चा और तैयारी दोनों जारी है. उनके मुताबिक अभी फिलहाल वयस्क आबादी का टीकाकरण चल रहा और बच्चों की वैक्सीन भी अगले साल मार्च तक आ जायेगी. वहीं जो बच्चे कोमॉर्बिड यानी किसी बीमारी से ग्रसित है उन बच्चो को शायद पहले वैक्सीन दी जाएगी.
NTAGI के सदस्य डॉ एन के अरोड़ा ने कहा, ”बच्चे हमारे सबसे महत्वपूर्ण धन है और हमें सबसे प्रिय हैं हमारा भविष्य वही हैं तो उनके लिए भी उसी तरीके का कार्यक्रम बनाया जा रहा है जैसे बड़ों के लिए और और इसी तत्परता से अभियान रूप में स्वस्थ बच्चों को टीका लगाया जाएगा उम्मीद करते हैं अगले साल की तिमाही से इसको शुरू किया जा सकता है फरवरी या मार्च में. जैसे बड़ों को टीका लग जाएगा. हां लेकिन जिन बच्चे को कोई बीमारी है खास तरह की कोई बीमारी है उनमें गंभीर बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है उन लोगों को बड़ी जल्दी टीका लगवाने का काम शुरू करेंगे.”
बच्चों को वैक्सीन को लेकर सरकार कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है क्योंकि अभी तक ऐसी कोई सिफारिश की बच्चों को तुरंत वैक्सीन देनी है ना तो WHO की तरफ से हुई है ना किसी साइंटिफिक बॉडी ने इसपर कुछ कहा है. भारत की नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन भी इसको लेकर आये डेटा का अध्यन कर रही है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा, ”बच्चों का टीकाकरण भी साथ साथ देखा जा रहा है की किन बच्चों को मिलना चाहिए, कोई सिफारिश ऐसी नहीं है की सब बच्चों को लगना चाहिए और जरूरत है. WHO या किसी ने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है की बच्चों को लगना चाहिए और हमारा NTAGI इस पर विचार और चर्चा कर रहा है. हम खुशनसीब है कि हमारे पास दो वैक्सीन ऐसे है जो बच्चों को लगाई जा सकती उसका इस्तेमाल किया जा सकता है.”
आपको बता दें कि भारत मे ज्याडस कैडिला की वैक्सीन जयकोव डी को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन मिल चुका है कि वैक्सीन 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को दी जा सकती है. इसके अलावा भारत भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का 2 से 18 साल के आयु वर्ग के बच्चों में क्लिनिकल ट्रायल हुआ है और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने डीसीजीआई के पास इसे अनुमति देने की सिफारिश की है, जिसे जल्द बच्चों में इमरजेंसी यूज़ के इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है. यानी भारत के पास फिलहाल दो ऐसी वैक्सीन मौजूद है जो आने वाले समय में बच्चों को दी जा सकती है. इसके अलावा दो और वैक्सीन है जिनका बच्चों पर ट्रायल चल रहा है.
सरकार को उम्मीद है की अगले कुछ महीनों में भारत की वयस्क आबादी का पूरा टीकाकरण हो जाएगा. वहीं जिस तरह से कहा जा रहा है की बच्चों की वैक्सीन के लिए तैयारी है और सब चीजों को देखा जा रहा है उम्मीद है की जल्द बच्चों की वैक्सीन पर सरकार फैसला ले लेगी.
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