केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में फरवरी 2019 में हुए घातक आतंकवादी हमले में शहीद हुए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवानों को मंगलवार को श्रद्धांजलि दी. इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध की कगार पर पहुंच गए थे. केन्द्र शासित प्रदेश के चार दिवसीय दौरे पर आए शाह ने जैश-ए-मोहम्मद के हमले में शहीद हुए जवानों की याद में पिछले साल बनाए गए स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.
शाह सोमवार को दिल्ली लौटने वाले थे, लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर के अपने दौरे को विस्तार देते हुए रात में पुलवामा के लेथपुरा में सीआरपीएफ के शिविर में रुकने का फैसला किया. यह शिविर उस स्थान के बहुत नजदीक है, जहां आतंकवादियों ने घातक कार बम हमला किया था. गृह मंत्री ऐसे दिन शहीद स्मारक गए हैं, जब जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के 74 साल पूरे हुए हैं. संविधान के अनुच्छेद 370 को 2019 में रद्द किए जाने के बाद 26 अक्टूबर को केंद्रशासित प्रदेश में सार्वजनिक छुट्टी घोषित की गई है.
शाह ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद ट्वीट किया, ‘‘पुलवामा के कायराना आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के बहादुर जवानों को आज पुलवामा शहीद स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. देश की रक्षा हेतु आपका समर्पण एवं सर्वोच्च बलिदान आतंकवाद के समूल नाश के हमारे संकल्प को और दृढ़ करता है. वीर बलिदानियों को कोटि-कोटि वंदन. ’’उन्होंने शहीदों की याद में पौधारोपण भी किया. गृह मंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘‘पुलवामा के शहीद स्मारक पर हमारे वीर बलिदानियों की स्मृति में पौधारोपण किया गया.’’
2019 को पुलवामा जिले में CRPF के काफिले पर हुआ था हमला
पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के एक आत्मघाती हमलावर ने 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा जिले में CRPF के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था. इसके बाद, पाकिस्तान की वायुसेना ने एक हवाई हमले में एक मिग-21 को मार गिराने के बाद उसके पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पकड़ लिया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया था.
आतंकवादियों को लेकर बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीती
शाह ने सीआरपीएफ कर्मियों को संबोधित करते हुए सोमवार रात को कहा था कि आतंकवाद के प्रति मोदी सरकार की नीति ‘‘बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की’’ है. उन्होंने कहा कि हालांकि, जम्मू-कश्मीर की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, फिर भी ‘‘जब तक पूरी तरह से शांति स्थापित न हो जाए, तब तक हमें संतुष्ट नहीं होना चाहिए.’’ शाह ने कहा था, ‘‘मैं एक रात आप लोगों के साथ गुजारना चाहता हूं और आपकी समस्याओं को समझना चाहता हूं.’’ उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के उनके दौरे के दौरान यह सबसे अहम पड़ाव है. शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत हद तक सुधरी है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ‘‘वह अपने जीवनकाल में शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर देख सकेंगे जिसका सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा है.’’
कश्मीर में पथराव थी आम बात
शाह ने कहा था, ‘‘पथराव की घटनाएं तभी दिखाई देती हैं जब हम उन्हें देखना चाहते हैं. ऐसा भी समय था जब कश्मीर में पथराव आम बात थी. ऐसी घटनाएं बहुत हद तक कम हो गई हैं, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हमें अभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘आतंकवाद के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार की नीति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की है. यह मानवता के विरुद्ध है. मानवता के प्रति जघन्य अपराध से जुड़े लोगों से कश्मीर के लोगों को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.’’
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