रियल स्टेट के जानकारों के मुताबिक एक डेवलपर को कहीं पर इमारत बनाने के लिए सबसे ज्यादा जो दिक्कत होती थी वह थी तमाम तरह के परमिशन लेने की जिसके बाद इमारत बनाने की इजाजत मिलती है. मौजूदा बजट में केंद्र सरकार ने बिल्डरों की इस समस्या को खत्म करने के लिए एक कदम बढ़ाया है जिसको लेकर डेवलपर बहुत खुश हैं.
NAREDCO के नेशनल प्रेसिडेंट ने जताई उम्मीद
NAREDCO यानी नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के नेशनल प्रेसिडेंट राजीव बांदेकर के मुताबिक रियल एस्टेट सेक्टर कई सालों से सरकार से बिल्डिंग बनाने से पहले लेने वाली तमाम परमिशन को सरल करने के लिए सिफारिश कर रहा था जिसकी एक उम्मीद इस बजट में दिखी है
सरकार ने कमिटी बनाने के लिए कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि हम इन दिक्कतों को खत्म करने के लिए एक कमेटी बनाएंगे. अगर ऐसा सरकार करती है और तमाम तरह की परमिशन वाली समस्या एक डेवलपर की खत्म होती है तो वह उसके लिए सबसे बड़ी सहूलियत होगी. बस डेवलपर ये चाहते हैं कि इस कमेटी में ऐसे लोगों को लाया जाए जिनको इस विषय का नॉलेज हो और जो इसमें पॉजिटिव सुझाव दे सके.
राजीव बांदेकर के मुताबिक जिस तरह देश में बदलाव हो रहा है उसी तरह से अब बिल्डर भी रियल इस्टेट सेक्टर में बदलाव देखना चाहते हैं ताकि हम एक बटन दबाएं और हमारे सारे अप्रूवल हमें मिल जाएं. ये सबसे बड़ी राहत होगी रियल स्टेट के लिए. इस बजट से वो उम्मीद बंधी है जिसकी हम मांग सालों से कर रहे थे.
डेवलपर के लिए बजट अच्छा पर ग्राहकों को मायूसी
राजीव बांदेकर के मुताबिक एक डेवलपर के नजरिये से ये बजट उनके लिए बहुत अच्छा है लेकिन घर खरीदने वाला ग्राहक बहुत नाराज है उसे बजट से काफी अपेक्षा थी वो नहीं मिली. जिस तरह से घर खरीदार के लिए इसके पहले स्टंप ड्यूटी रजिस्ट्रेशन फीस में सहूलियत देने की पहल की गई थी अगर उसी तरह से ग्राहकों के लिए कुछ और कदम उठाए जाते तो उन्हें खुशी होती. क्योंकि रियल इस्टेट सेक्टर घर बनाना चाहता है और कंज्यूमर मुंबई जैसे शहर में अपने सपनों का एक घर लेना चाहता है.
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