16वें राष्ट्रपति के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान निर्वाचन आयोग ने कर दिया है। आयोग ने कहा कि 29 जून तक नॉमिनेशन किए जा सकेंगे। 18 जुलाई को चुनाव होंगे और 21 जुलाई को रिजल्ट का ऐलान किया जाएगा। आयोग ने कहा कि हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 15 जून को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी, और 18 जुलाई को वोटिंग होगी। 21 जुलाई को काउंटिंग खत्म होने के बाद ही नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान हो जाएगा। 2017 में राष्ट्रपति चुने गए रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को ही खत्म हो रहा है। वे देश के 15वें राष्ट्रपति हैं।
चुनाव आयोग ही देगा पेन
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने के लिए चुनाव आयोग की ओर से दिए गए पेन का ही इस्तेमाल करना होगा। अगर कोई दूसरा पेन इस्तेमाल करता है तो उसका वोट अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 776 सांसद और 4033 विधायक, यानी कि कुल 4809 मतदाता वोट देंगे। व्हिप लागू नहीं होगा और मतदान पूरी तरह से गुप्त होगा। एनडीए की स्थिति पिछली बार की तरह ही इस बार भी मजबूत है, लेकिन उसने आंध्र प्रदेश और ओडिशा से समर्थन मांगा है। वहीं, यूपीए की नजर राज्यसभा की 16 सीटों पर है। इन सीटों पर 10 जून को चुनाव होना है।
इसलिए मजबूत है एनडीए
एनडीए बहुमत के आंकड़े से बेहद करीब है। उसे बीजेडी के नवीन पटनायक और वायएसआरसी के जगनमोहन रेड्डी के समर्थन की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवीन पटनायक एवं जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात भी कर चुके हैं। हालांकि दोनों ने ही उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद ही समर्थन पर फैसला करने के लिए कहा है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। रामनाथ कोविंद को 65.35% वोट मिले थे। इस बार भी एनडीए इसे दोहराने की कोशिश में है।
राज्यसभा चुनाव से फंस रहा पेच
राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में राज्यसभा सदस्य भी हिस्सा लेते हैं। ऐसे में 10 जून को राज्यसभा की 57 सीटों में 16 सीटों पर होने वाले चुनाव से पेच फंस रहा है। दरअसल, 57 में से बाक़ी की 41 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए जाएंगे। जिन 16 सीटों पर चुनाव होना है, उनका फैसला महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और हरियाणा से होगा। यहां गुणा-गणित किसके पक्ष में जाएगी यह कहना मुश्किल है