Close

अनिल चौहान देश के नए सीडीएस

नई दिल्ली। भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान को नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस ) नियुक्त किया है। वे सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से सीडीएस का पद खाली था। चौहान देश के दूसरे सीडीएस  होंगे।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान पूर्वी कमान के ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रह चुके हैं। उन्होंने 1 सितंबर 2019 को यह पद संभाला था। वे भारतीय सेना के डीजीएमओ  रह चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल चौहान 1981 से 2021 तक सेना में विभिन्न पदों पर रहे। उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल मिल चुके हैं।

अब रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा कि सरकर ने रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को देश का अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाने का फैसला किया है। चौहान साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के सचिव भी रहेंगे। लेकिन यह जानना जरूरी है कि लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने ऐसे कौन से काम किए हैं, जिनसे देश की सुरक्षा बनी रही।

पिछले साल हेलिकॉप्टर क्रैश में हुआ था जनरल बिपिन रावत का निधन

तमिलनाडु के कुन्नूर में 1 दिसंबर 2021 को दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया था। 8 दिसंबर 2021 को जनरल बिपिन रावत की मौत की खबर ऑफिशियल हुई थी। वे देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, यानी सीडीएस  थे। हेलिकॉप्टर में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे। इस हादसे में सभी 14 लोगों की मौत हुई थी।

थ्री-स्टार लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के पहले सैन्य अधिकारी हैं, जो रिटायरमेंट के बाद बतौर सीडीएस फोर-स्टार जनरल बनाए जाएंगे। इस समय तीनों सेनाओं को जो प्रमुख हैं, चौहान उनसे सीनियर हैं। लेफ्टिनेंट जनरल चौहान नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटेरियट (NSCS) में मिलिट्री एडवाइजर रहे हैं।यानी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल के साथ मिलकर इन्होंने कई शानदार मिशन और ऑपरेशंस को अंजाम दिया है।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को चीन से संबंधित मामलों की बहुत जानकारी है। वो चीन की हर चाल को समझते हैं।क्योंकि उन्होंने ईस्टर्न कमांड में काफी लंबा काम किया है। वहां के कमांडर भी रहे हैं। वहीं से रिटायर भी हुए। सिर्फ इतना ही नहीं अनिल चौहान स्वदेशी हथियारों और स्वदेशी रक्षा तकनीकों के विकास के हिमायती माने जाते हैं। उनका मानना है कि इससे विदेशों पर निर्भरता कम होगी।

1981 में 11 गोरखा राइफल्स में ज्वाइन किया। इसी राइफल से पूर्व सीडीएस बिपिन रावत भी आए थे। इसके बाद नॉर्दन कमांड में बारामुला सेक्टर के इंफैन्ट्री डिविजन में कमांडर थे। तब मेजर जनरल के पद पर थे अनिल चौहान। इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल बनने पर उन्होंने उत्तर-पूर्व में कॉर्प्स के कमांडिंग ऑफिसर बने। इसके बाद पूर्वी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बनाए गए।

 

यह भी पढ़े:-भारत से घातक हथियार के लिए आर्मीनिया ने की बड़ी डील, पाकिस्तान-तुर्की के दोस्त अजरबैजान की बढ़ेगी मुश्किल

2 Comments
scroll to top