भिलाई के चरोदा इलाके में साधुओं के ऊपर जानलेवा हमला करने के मामले 14 लोग सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। दुर्ग पुलिस वायरल हुए मारपीट के वीडियो से पहचान कर अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। तीनों साधुओं के साथ मारपीट की गई है, वह राजस्थान अलवर जिला के गोविंदगढ़ के रहने वाले हैं।
तीनों साधुओं की पहचान गोविंदगढ़ में हीरा कॉलोनी निवासी राजवीर सिंह (28) पुत्र जीत सिंह, श्याम सिंह (23) पुत्र साहब सिंह और अमन सिंह (28) पुत्र दिलबाग सिंह के रूप में हुई है। वे अपने घर से छत्तीसगढ़ नग व पत्थर बेचने का काम करने आए थे। भिलाई तीन थाना अंतर्गत चरोदा क्षेत्र में रहते थे, और लोगों को राशि का पत्थर देकर अपनी आय करते थे।
बच्चा चोरी के संदेह में हुई पिटाई
राजस्थान के अलवर जिले के ग्राम गोविंदगढ़ निवासी राजबीर सिंह (28), श्याम सिंह (23) और अमन सिंह (28) दशहरा के दिन गणेश चौक चरोदा में भिक्षा मांगने के लिए गए थे। तीनों भगवा वेश में थे। लोगों को उन पर बच्चा चोर होने का संदेह हुआ। इसके बाद एक-एक कर जुटे लोगों ने तीनों को घेरकर पीटना शुरू कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही पुरानी भिलाई थाने में पदस्थ सिपाही सुनील त्रिपाठी वहां पहुंचे और तीनों को किसी तरह सुरक्षित निकाला। पुलिस की जांच में पता चला है कि तीनों दुर्ग रेलवे स्टेशन के सामने स्थित रैनबसेरा में रहते हैं और भिक्षावृत्ति कर जीवन-यापन करते हैं।
परिजनों ने छत्तीसगढ़ सरकार से लगाई गुहार
तीन घायल सिख भाटडा समाज के हैं। इस समाज की बड़ी आबादी गोविंदगढ़ के रामबास क्षेत्र में रहती हैं। पीड़ितों के परिजनों ने छत्तीसगढ़ सरकार से गुहार लगाई है कि इस मामले कड़ी कार्रवाई की जाए। पुलिस आरोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी करे।
राजस्थान में नहीं कोई आपराधिक रिकार्ड
जिन भगवा धारियों को दुर्ग पुलिस अब तक संदिग्ध बता रही है। कह रही है उनके पास कोई आधार कार्ड नहीं था। वह अपना पता नहीं बता पा रहे थे। उन तीनों लोगों को राजस्थान पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। राजस्थान के गोविंदगढ़ थाना प्रभारी शिव शंकर शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मारपीट की घटना में घायल हुए राजवीर, श्याम सिंह और अमन सिंह या उनके परिवार के किसी अन्य व्यक्ति का कोई भी किसी तरह का आपराधिक रिकार्ड नहीं है।
चरोदा में हुआ ये घटना
5 अक्टूबर की सुबह 11 बजे राजवीर, श्याम सिंह और अमन भगवा वस्त्र पहनकर भिलाई तीन थाना क्षेत्र की चरोदा बस्ती में घूम रहे थे। इसी दौरान वहां शराब के नशे में बस्ती का रहने वाला भूपेंद्र वर्मा उर्फ कान्हा ने अपने दोस्त योगेंद्र, सत्य नारायण और सितेंद्र महतो के साथ मिलकर साधुओं को रोक लिया। उन्होंने साधुओं से 5 हजार रुपए की मांग की। जब साधुओं ने रुपए देने से मना किया तो उन्होंने उन पर बच्चा चोरी करने का आरोप लगा दिया और उन्हें मारने पीटने लगे। इस दौरान निकल रही जवारा की भीड़ ने साधुओं को बेरहमी से पीटा। भले ही दुर्ग पुलिस कह रही हो की साधुओं को साधारण चोट आई है, जब सुपेला अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीयम सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि तीनों घायलों को गंभीर चोटें आईं थीं।
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