मुस्लिम धर्म में रमजान को खुदा की इबादत का पाक महीना माना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर में ये नौवा महीना होता है। इस महीने में मुसलमान लोग सूरज उगने से लेकर सूरज डूबने तक रोजा रखते हैं। रमजान को मुस्लिम धर्म में बरकत का महीना कहा जाता है। रमजान में रोजा रखकर, नमाज पढ़कर और नेक काम कर के मुसलमान लोग सवाब कमाते हैं। रमजान में सहरी और इफ्तार के बीच लगभग 14-15 घंटे का अंतर होता है। इस बीच कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता है।
ऐसे में सहरी, इफ्तार और देर रात की डाइट को सही तरह से प्लान करना बहुत जरूरी है। जिससे आप दिन भर एक्टिव भी रहें, आपको कमजोरी भी महसूस ना हो और शरीर में न्यूट्रिशन की कमी भी ना हो। सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुन गनेरीवाल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर रमजान के लिए एक डाइट प्लान शेयर किया है। आइए इस बारे में जानते हैं।
सहरी का डाइट प्लान
० पोहा या बाजरे का दलिया खा सकते हैं।
० ज्वार रोटी, अचार और सब्जी या फिर खमीरी रोटी खा सकते हैं।
० पोहा दूध या उपमा या दही रोटी खा सकते हैं।
इफ्तार का डाइट प्लान
फेज -1
० ऐसे खोले रोजा- ताजे फल/ घर का बना शरबत/स्मूदी
० मेन मील – दाल का सूप, बिरयानी और करी / दाल-चावल और सब्जी/ ज्वार रोटी, दाल और सब्जी
० देर रात रोस्टेड मखाना ले सकते हैं।
ऐसे खोले रोजा-
फेज -2
० ताजे फल और नट्स/ सब्जा सीड्स के साथ घर का बना शरबत/स्मूदी
० मेन मील- चिकन शोरबा, बिरयानी और रायता/ कबाब, मिलेट्स रोटी और कोरमा
० देर रात छाछ ले सकते हैं।
फेज 3
० ऐसे खोले रोजा- ताजे फल और नट्स/ सब्जा सीड्स के साथ घर का बना शरबत/स्मूदी
० मेन मील- मटन पाया सूप, मसाला पुलाव और दही/ हलीम के साथ नान
० देर रात मसाला दूध ले सकते हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
० हर सप्ताह इफ्तार मील में 2-3 बार अंडा,चिकन और मछली को शामिल करें। हफ्ते में एक बार रेड मीट खाएं।
० तली-भुनी चीजें, चाट, कुल्फी, फालूदा और मिठाई जैसी चीजों को रोज इफ्तार में ना खाएं। हफ्ते में एक बार खाना ठीक रहेगा।
० इफ्तार के दौरान एकदम से ज्यादा पानी ना पिएं। मील के बाद जब तक आप जाग रहे हो, तब तक घूंट-घूंट करके पानी पिएं।
० अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स जैसे सॉस,जैम जैली और पैक्ड जूस को अपनी डाइट का हिस्सा ना बनाएं।
० अगर रमजान के दौरान आप एक्सरसाइज करते हैं तो इफ्तार के दो घंटे बाद करें। एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन स्मूदी पी सकते हैं।