सरकारी झूठ का सफेद रंग
कायदे से खून लाल होता है लेकिन खून भी कभी-कभी सफेद पड़ जाता है डर के मारे .इसी तरह झूठ…
कायदे से खून लाल होता है लेकिन खून भी कभी-कभी सफेद पड़ जाता है डर के मारे .इसी तरह झूठ…
हम जैसे मुफस्सिल पत्रकार यदि अपने प्रधानमंत्री जी को कोई मश्विरा देते हैं तो उसे राष्ट्रविरोधी माना जाता है.हम जैसी…
वर्षों पहले ‘आ गले लग जा’ नाम से एक फिल्म आई थी. बड़ी अच्छी फिल्म थी, मैंने इस फिल्म को…
समय का पहिया घूमता है तो बस घूमता है. आजकल देश में कोरोना की दहशत धीर-धीरे कम हो रही है…
हिंदी फिल्मों के आधार स्तम्भों में से आखरी प्रमाण रहे दिलीप कुमार नहीं रहे. वे दो साल और रुक जाते…
टूटे हुए कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया तो शुरू नहीं हो पायी लेकिन पाकिस्तान की और से हमेशा की तरह दहशतगर्दी…
आज के आलेख का शीर्षक पढ़कर आप चौंकिए नहीं,मै न तो भाजपा में शामिल होने जा रहा हूँ और न…
आजादी के 72 साल बाद बिखंडित कश्मीर में चुनावों की चर्चा शुरू हो गयी है. एक और महामारी से जूझ…
पद्मभूषण पंडित राजन मिश्र न राजकुमार बंसल की तरह साधारण आदमी थे और न इतने अनाम कि उन्हें पद्मभूषण देने…
मेरा भारत महान है क्योंकि यहां सबको अपने मन की करने की आजादी है. ये आजादी क़ानून से कम रसूख…