हमारी नहीं ,तो लव की सुनो !

हम जैसे मुफस्सिल पत्रकार यदि अपने प्रधानमंत्री जी को कोई मश्विरा देते हैं तो उसे राष्ट्रविरोधी माना जाता है.हम जैसी…

July 14, 2021

श्रृद्धांजलि: हिंदी फिल्मों की क़ुतुब मीनार थे दिलीप साहब

हिंदी फिल्मों के आधार स्तम्भों में से आखरी प्रमाण रहे दिलीप कुमार नहीं रहे. वे दो साल और रुक जाते…

July 7, 2021

टूटे हुए कश्मीर में फिर दहशतगर्दी

टूटे हुए कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया तो शुरू नहीं हो पायी लेकिन पाकिस्तान की और से हमेशा की तरह दहशतगर्दी…

June 28, 2021

स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की फजीहत : राकेश अचल

मेरा भारत महान है क्योंकि यहां सबको अपने मन की करने की आजादी है. ये आजादी क़ानून से कम रसूख…

April 19, 2021