मजबूर मीडिया और मजबूत मतदाता

मीडिया के लिए मोदित्व एक मजबूरी हो सकती है और इसके चलते भारतीय मीडिया को गाह-बगाहे वे तमाम ठठकर्म करना…

January 31, 2022

सब कुछ बदलने की धुन पर गणतंत्र 

बदलाव एक जरूरी प्रक्रिया है, लेकिन बदलाव वे ही अच्छे होते हैं जो हमारी मान्यताओं और मूल्यों को आहत न…

January 24, 2022

ज्योति जलाओ, ज्योति बुझाओ 

देश की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर पिछले पचास वर्षों से प्रज्ज्वलित हो रही अमर जवान ज्योति अब हमारे…

January 24, 2022

विराट कोहली का कप्तानी से वैराग्य 

खेल पर मेरी समझ सीमित है इसलिए बहुत कम लिखता हूँ,लेकिन कुछ ऐसे प्रसंग होते हैं की जिन पर लिखने…

January 24, 2022

संक्रमण की राजनीति से मुक्ति का योग बने संक्रांति 

भारत में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है, अनेक दंतकथाएं हैं, धार्मिक मान्यताएं हैं ,बावजूद इसके देश की राजनीति का…

January 13, 2022

सच और झूठ के पाल, सत्यपाल मलिक

मेघालय के 19 वे राज्यपाल सत्यपाल मालिक आजकल अपनी लंतरानियों की वजह से सुर्ख़ियों में हैं. वे पहले और अकेले…

January 6, 2022

फकीर की दाढ़ी में डर का तिनका

दुनिया जानती है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी फकीर हैं. उनकी सुरक्षा में कथित चूक को लेकर…

January 6, 2022

छापों की सियासत में छिपा सच

देश में केंद्रीय संस्थाओं द्वारा मारे जाने वाले छापे अब जेम्सबांड के उपन्यासों का कथानक बनते जा रहे हैं .हाल…

January 3, 2022

रेवड़ियों की राजनीति का तीसरा काण्ड

राजनीति में हर चीज का महत्व है. बगावत, दलबदल, मौन, मुखरता सबके अपने मायने हैं.राजनीति को साधने के लिए राजनीतिक…

December 25, 2021