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एफएमसीजी कंपनियों ने बढ़ाई कीमत, साबुन, खाद्य तेल, चाय और पैकेटबंद चावल महंगे हुए

पिछले कुछ वक्त से राशन के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई थी. लेकिन अब इनके दाम फिर बढ़ने शुरू हो गए हैं. ग्रॉसरी महंगी बिकने लगी है. पिछले एक साल के दौरान ग्रॉसरी कंपनियों ने पहली बार दाम में इजाफा किया है. साबुन, खाद्य तेल, चाय और पैकेटबंद चावल अब तीन से पांच फीसदी महंगे हो गए हैं. पाम ऑयल, पाम ऑयल से बने कुछ प्रोडक्ट, चावल और चाय की कुछ चीजों  के दाम में इजाफा हुआ है. राशन के दाम में यह इजाफा निश्चित तौर पर महंगाई और बढ़ाएगी.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक संतूर साबुन बनाने वाली कंपनी विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग ने कहा कि साबुन जैसी कुछ चुनिंदा कैटेगरी में प्रोडक्ट के दाम तीन से पांच फीसदी बढ़े हैं. संतूर देश के तीन शीर्ष साबुन ब्रांड में शामिल है. दावत ब्रांड के पैकेटबंद चावल के दाम में इजाफा किया गया है. इसी तरह टाटा टी के दाम भी बढ़े हैं. इन कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि दाम में तीन से पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और इससे इनके डिमांड में ज्यादा कमी नहीं आएगी. टाटा ब्रांड के चाय के दाम बढ़ने के सवाल पर अधिकारियों का कहना है कि दाम बढ़ने से शुरुआत में इसकी मांग थोड़ी कम हो सकती है लेकिन कंज्यूमर जल्द ही नए दाम के अभ्यस्त हो जाएंगे.

सफोला ब्रांड का खाद्य तेल बेचने वाली कंपनी मैरिको ने कहा कि कच्चे माल के दाम में बढ़ोतरी की वजह से खाद्य तेल के दाम बढ़ाना को रोकना मुश्किल था. गैर बासमती चावल के दाम बढ़ने की अहम वजह वियतनाम का बड़ी मात्रा में यहांस चावल का आयात करना है. हाल के दिनों में वियतनाम में भारत से गैर बासमती चावल मंगाना शुरू किया है.बांग्लादेश ने चावल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दिया है. इसलिए वहां भी यहां से चावल जा रहा है.

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