फाइनेंशियल ईयर 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 10 जनवरी 2021 थी. लेकिन अगर आपने अपनी आटीआर फाइल नहीं की है तो आप अभी इसे दाखिल कर सकते हैं.
अंतिम तारीख के बाद दायर आयकर रिटर्न को बिलेटेड रिटर्न के रूप में जाना जाता है. हालांकि आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा.
हर साल आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि संबंधित असेसमेंट ईयर की 31 जुलाई होती है. आप अगर आईटीआर मूल्यांकन वर्ष के 31 दिसंबर तक दाखिल करते हैं, तो आपको 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. वहीं मूल्यांकन वर्ष के 31 दिसंबर से 31 मार्च के बीच रिटर्न दाखिल करने पर 10,000 रुपये जुर्माने के रूप में देने होंगे.
जिन करदाताओं की आय पांच लाख रुपये तक है, उन पर 31 मार्च तक आईटीआर दाखिल करने के मामले में 1,000 रुपये का जुर्माना लागू होता है। बता दें किसी भी तरह से बिलेटेड रिटर्न पर जुर्माना देने से नहीं बचा सकता है. जुर्माने देने के अतिरक्त आईटीआर फाइल करने तक हर महीने देय करों पर ब्याज का भुगतान भी करना होता है.
बता दें इस बार आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या में करीब 5 फीसदी का इजाफा हुआ है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक 31 मार्च 2020 को समाप्त फाइनेंशियल ईयर 2019-20 के लिए 10 जनवरी 2021 तक 5.95 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए. व्यक्तिगत तौर पर आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 10 जनवरी तक थी, जबकि कंपनियों के लिए यह 15 फरवरी है.
आमतौर पर अससेमेंट ईयर की आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है. लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से समय सीमा को कई बार बढ़ाया गया था. सबसे पहले इसे 30 नवंबर 2020, फिर 31 दिसंबर 2020 कर दिया गया था. इसके बाद एक बार फिर सरकार को 10 जनवरी 2021 तक के लिए डेडलाइन बढ़ानी पड़ी थी.