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एसईसीएल में गणतंत्र दिवस मनाया गया, सीएमडी डा. प्रेस सागर मिश्रा फहराया तिरंगा

बिलासपुर। एसईसीएल प्रशासनिक भवन प्रांगण में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया । इसके पूर्व मुख्य अतिथि सीएमडी डा. प्रेस सागर मिश्रा, निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के. पाल, निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या, संचालन समिति सदस्य हरिद्वार सिंह (एटक) विभिन्न विभागाध्यक्षों, श्रमसंघ पदाधिकारियों ने शहीद स्मारक एवं भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर खनिक प्रतिमा पर माल्यार्पण किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा सुरक्षा प्रहरियों की टुकड़ी की सलामी ली गई जिसका नेतृत्व उप प्रबंधक सुरक्षा व्ही. दक्षिणामूर्ति, मुख्यालय बिलासपुर कर रहे थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय गान उपरांत कोलइण्डिया कारपोरेट गीत बजाया गया।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि डा. प्रेम सागर मिश्रा ने अपने संदेश में गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) के अनुमानों के अनुसार, दुनिया में इस वर्ष कोयले की सर्वाधिक माँग भारत में है । कुल वैश्विक कोयले की खपत में भारत का योगदान लगभग 12.5% है । हमारे देश की बिजली का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों से आता है और आने वाले समय में, कमोबेश, कोयले पर देश की निर्भरता में बहुत व्यापक बदलाव के आसार नहीं हैं । उन्होंने कहा अधिकाधिक कोयला उत्पादन कर देश की ऊर्जा आपूर्ति में अपनी अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित करना एवं देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना, हम सबका राष्ट्रीय कर्तव्य है । इस वित्तीय वर्ष में पावर प्लांटों को 100 मिलियन टन कोल डिस्पैच का महत्वपूर्ण आँकड़ा पार किया है ।

समान अवधि को लें तो गत वर्ष से यह 10 मिलियन टन से भी अधिक है । उत्पादन में एसईसीएल गत वर्ष की तुलना में लगभग 18.2 मिलियन टन (18 % ) से अधिक की बढ़ोतरी, जो की एसईसीएल की स्थापना के बाद दर्ज की गई अभी तक का सर्वाधिक वृद्धि है, के साथ आगे बढ़ रही है । वहीं ओबीआर में एसईसीएल की टीम ने ऐतिहासिक परिणाम देते हुए गत वर्ष से 51 मिलियन क्यूबिक मीटर (34%) से भी ज्यादा की वृद्धि दर्ज की हैं, जो की एसईसीएल की स्थापना के बाद का अभी तक का सर्वाधिक ग्रोथ है । इसके अतिरिक्त इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति के लगभग ढाई महीने पहले हीं, कम्पनी ने पिछले साल के कुल ओबीआर के आँकड़े 195.22 मिलियन क्यूबिक मीटर को पार कर लिया है । उन्होंने कहा मुझे बताते हुए ख़ुशी है कि हमारी बिश्रामपुर क्षेत्र की केतकी एमडीओ भूमिगत खदान ने दिनाक 10 जनवरी से कोयला उत्पादन का कार्य शुरूकर, एमडीओ मोड से कोयला उत्पादन करने वाली कोल इंडिया की प्रथम भूमिगत खदान होने का गौरव हासिल किया है ।

कम्पनी की दो अन्य खदानें – पेल्मा और मदननगर खुली खदानों – को एमडीओ मोड पर शुरू करने के लिए एलओआई जारी किया जा चुका है, वहीं चार स्थगित (डिस्कनटीन्युड) भूमिगत खदानों को रेवन्यू शेयरिंग मॉडल के ज़रिए एमडीओ मोड पर देने के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया जारी है । हमने अपने प्रयासों से इस वित्तीय वर्ष में एक ओर जहाँ बिश्रामपुर क्षेत्र के अमगांव खुली खदान को लगभग चार साल बाद पुन: शुरू किया, वहीं सोहागपुर की रामपुर-बटुरा खुली खदान भी कोयला उत्पादन के लिए तैयार है ।

मेरा यह मानना है एवं हरेक मंचो से मै अक्सर कहता भी हूँ कि ‘जो पढ़ेगा सो बढ़ेगा, जो लिखेगा वो दिखेगा और जो सीखेगा वो टिकेगा’ – और इन्हीं तीनों मंत्रों को साथ लेकर एसईसीएल में ‘मिशन नचिकेता (NACHIKETA)’ की शुरुआत की गई है । मैं चाहता हूँ कि लर्निंग एंड ग्रोथ के इस मिशन से आप सभी सक्रियता के साथ जुड़ें एवं अपनी कौशल को एक नया आयाम दें । उन्होंने कहा हमारी कार्यनीति सतत धारणीय विकास – एसडीजी (SDG) पर केंद्रित होनी चाहिए- People, Planet, Prosperity, Peace and Partnership- ये हमारे विकास के दर्शन होने चाहिए । एसईसीएल ESG अर्थात – Environment, Social, Governance के फ्रेमवर्क को कंपनी के सस्टेनेबल माइनिंग की गतिविधियों के ज़रिए लागू करने हेतु कटिबद्ध है । ग्रीन टेक्नॉलोजी के साथ-साथ, इलेक्ट्रिक व्हिकल (EV), रुफ़टॉप सोलर, शत प्रतिशत एलईडी का उपयोग, अधिक ऊर्जा दक्षता वाली उपकरणों की ख़रीदी, जैसे एनर्जी एफ़िशिएन्सी के कदम उठाए जा रहे हैं ।

अंत में उन्होंने विभिन्न स्टेकहोल्डर्स (अंशधारक), केंद्र सरकार, सम्बंधित राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन एवं उनकी विभिन्न एजेंसियों, कोल इंडिया लिमिटेड, खान सुरक्षा महानिदेशालय, पर्यावरण विभाग, रेलवे, एसईसीएल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स, एसईसीएल संचालन समिति, एसईसीएल में कार्यरत समस्त बोर्ड, समस्त काउंसिल, समस्त श्रम संगठन एवं समस्त एसोसिएशन के पदाधिकारी, कम्पनी में कार्यरत विभिन्न महिला मंडल एवं समस्त समितियों, मीडिया को भी उनके सराहनीय योगदान के लिए धन्यवाद दिया । समारोह में उद्घोषणा का दायित्व उप प्रवन्धक (राजभाषा) श्रीमती सविता निर्मलकर ने निभाया ।

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