याद कीजिए कैसे हमारे बुजुर्ग बताया करते थे कि सरसों का तेल हमारी सेहत के लिए कैसे मुफीद है. वास्तव में ये हमेशा सच है. सरसों का तेल सरसों के पौधे से हासिल किया जाता है और भारतीय घरों में आसानी से उपलब्ध होता है. सरसों का तेल मोटा होता है और तीखी गंध के साथ मजबूत स्वाद देता है. इसका इस्तेमाल आम तौर से तलने या खाना पकाने में किया जाता है. सरसों का तेल स्किन और बाल की देखभाल में मॉस्चेराइजर के तौर पर भी काम आता है. जरूरी है कि सेहत के मद्देनजर सरसों तेल के कुछ फायदों को जानें और समझें कि हमारे बुजुर्ग वास्तव में कितने सही थे.
ये तेल पिग्मेंट यानी एलिल आइसोथियोसाइनेट में भरपूर होता है, जिसे शरीर के दर्द पर शक्तिशाली असर डालने वाला जाना जाता है. उसके अलावा, ये अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, ओमेगा-3 फैटी एसिड में भी भरपूर होता है और जिसकी पहचान गंभीर दर्द को कम करने की है. ये कुछ स्थितियों जैसे रूमेटाइड गठिया के खिलाफ भी राहत दे सकता है.
सरसों का तेल बैक्टीरिया के एक खास प्रकार का विकास रोक सकता है और आगे किसी भी संक्रमण को रोकने में सक्षण होता है. इसलिए, इसका इस्तेमाल शरीर में लगाने के लिए किया जाए या परोक्ष रूप से सेवन किया जाए, दोनों स्थिति में ये फायदेमंद होता है. ये बैक्टीरिया के प्रभावों को निष्क्रिय करने वाले के तौर पर जाना जाता है और शरीर में उसकी वृद्धि को रोकने में भी मदद करता है.
कैंसर की कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं के मुकाबले तेजी से बढ़ने के लिए जानी जाती हैं. कई वैज्ञानिक अनुसंधान और रिसर्च में पाया गया है कि सरसों का तेल शरीर में कैंसर की कोशिकाओं के विकास को धीमा भी कर सकता है और इस तरह किसी गंभीर स्थिति को रोक सकता है.
खराब आदतों या जीवनशैली से दिल के कामकाज को बहुत आसानी से नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए उसके बारे में आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल लेवल का सामान्य से बढ़ना अस्वस्थ जीवनशैली के कारण होता है. इसके बावजूद सरसों का तेल दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है. वनस्पति का तेल मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरा होता है. उसके चलते ये तेल ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल कम करने और दिल की सेहत में मददगार होता है.