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216 करोड़ रुपए का राशन घोटाला : भाजपा विधायकों ने खाद्य मंत्री को घेरा, फिर सदन की समिति से जांच कराने की हुई घोषणा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को राशन घोटाले (पीडीएस) मामले में सदन की समिति से जांच कराने की घोषणा की गई। सत्ता पक्ष के विधायक धरमलाल कौशिक के आरोप पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने स्वीकार किया कि पीडीएस में गड़बड़ी हुई है।

ये पिछले सरकार का मामला है। उन्होंने समय पर जांच नहीं कराई। इस पर धरमलाल कौशिक और अजय चंद्राकर ने कहा कि आसंदी के निर्देश के बावजूद भौतिक सत्यापन नहीं किया गया, यह गंभीर बात है। यह आसंदी की अवमानना है। इस संबंध में भाजपा विधायकों ने कार्रवाई की मांग की है। प्रश्नकाल में भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने 2023 में हुए चावल घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राशन माफिया के द्वारा चावल, शक्कर, चना की अफरा-तफरी की गई। इस मामले में पिछले कार्यकाल में जांच कराकर जवाब देने की घोषणा की थी। ये जांच 24 मार्च 2023 तक होनी थी। लेकिन इससे पहले ही सत्रावसान कर दिया गया।

अब नए मंत्री बताएं मार्च 23 की स्थिति में कितने राशन की अनियमितता, कितने दुकानों पर एफआईआर, कितने अधिकारी सस्पेंड किए गए। मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि परीक्षण करा लिया गया है। कार्रवाई भी की गई है। अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इस विषय पर पूर्व में आसंदी ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि कार्रवाई में समय का ध्यान रखा जाए। इसलिए जवाब दिया जाए। मंत्री बघेल ने कहा पूर्व खाद्यमंत्री (अमरजीत भगत) द्वारा मार्च 23 तक सत्यापन की बात कही थी। लेकिन नहीं हुई।

पीडीएस में 216 करोड़ रुपए का घोटाला

मंत्री ने कहा कि मार्च 23 तक सभी जिलों का परीक्षण कराया गया था, इसमें 5842 दुकानों में 54240 टन चावल कीमत 197.65 करोड़, 2 हजार 8 सौ टन शक्कर कीमत 10 हजार 9 करोड़, चना 3771 दुकानों में 2440 टन कीमत 23.34 करोड़ कुल राशि 216.8 करोड़ की कमी पाई गई।

आरोपियों पर समुचित कार्रवाई नहीं हुई

अजय चंद्राकर ने कहा कि 216 करोड़ का घोटाला उत्तर में प्रमाणित हो रहा है, इसके लिए दोषियों पर क्या कार्रवाई की गई। मंत्री बघेल ने जवाब में स्वीकार किया कि अनियमितता हुई है इसके लिए 227 दुकानें निलंबित की गई, 181 निरस्त और 24 दुकानदारों पर एफआईआर की गई।

मेरे कार्यकाल का नहीं है : मंत्री दयालदास बघेल

इस पर भाजपा विधायकों ने जांच प्रतिवेदन पर समुचित कार्रवाई न होने का मुद्दा उठाया। मंत्री ने कहा कि यह मेरे कार्यकाल का नहीं है। इस जवाब पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कार्यकाल किसी का हो, सरकार के मंत्री के रूप में आप दायित्व में है, जवाब आपको देने है। अजय चंद्राकर ने पूछा कि जब आप गड़बड़ी से सहमत हैं तो जांच कराएं। दोषी कौन है, किस पर कार्रवाई की गई। खाद्य मंत्री ने कहा गड़बड़ी हुई है जांच कराएंगे। इस पर अजय और धरमलाल ने कहा ये घोषणा पर्याप्त नहीं है। सदन समिति से जांच कराएं। बहस में हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्यमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा की समिति से जांच कराने पर सहमति दी।

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