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पेट्रोल-डीजल की कीमत ने तोड़ा रिकॉर्ड, सरकार से रेट कम करने के लिए कदम उठाने की गुहार

नई दिल्ली: आज पेट्रोल और डीजल के दाम सभी रिकॉर्ड तोड़कर आसमान छू रहे हैं. नए साल की शुरुआत में पेट्रोल का दाम 83.71 रुपये से बढ़कर आज 87.64 रुपये पर पहुंच गया है, वहीं डीजल का दाम 73.88 रुपये से बढ़कर 77.77 रुपये हो गया है. इससे आम नागरिकों समेत पेट्रोल डीजल के डीलर्स को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

फॉरेन एक्सचेंज रेट

सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी

स्टेट का VAT

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम

दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग नारायण का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दामों के बढ़ने का मुख्य कारण टैक्सेज ही है जिसमें दोनों एक्साइज ड्यूटी और स्टेट टैक्सेज आते हैं.

नारायण कहते हैं कि पिछले साल भी हमने देखा था कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम घट रहे थे तब केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बहुत ही बढ़ा दी थी. इसका कारण सरकार द्वारा कोरोना महामारी से जूझना बताया गया था. लेकिन वो यह भी कहते हैं कि पब्लिक को तो इसका नुकसान है ही, उन्हें भी इसका नुकसान है. सभी पेट्रोल-डीजल डीलर्स का खर्चा बढ़ जाता है, बीमा का खर्चा बढ़ जाता है और रिस्क भी बढ़ जाता है.

अभी के समय की बात करते हुए वह कहते हैं कि पिछले साल के मुकाबले अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम भी काफी बढ़ गए हैं. लेकिन यह सरकार की ही जिमेदारी है कि वो इसे मैनेज करें और इसका भोज आम लोगों तक न पहुंचने दें. क्योंकि डीजल बढ़ने से जो भी बुकिंग एजेंट्स हैं वो दाम तो बड़ा देते हैं तो कभी भी अपने दाम कम नहीं करते. चाहे फिर दाम कम हो जाए. जिसका प्रेशर लोगों पर ही पड़ता है. दिनचर्या में लोग जीविका के लिए वाहनों का इस्तेमाल करते हैं, एक बार का खाना कम खा सकते हैं लेकिन कम और कैसे नहीं जाएंगे?

बढ़ते डीजल और पेट्रोल के दामों का असर किस तरह से आम जनता पर पड़ रहा है. इस मुद्दे पर कॉलेज स्टूडेंट हार्दिक एबीपी से बात करते हुए बताते हैं, “हर महीने का एक फैमिली बजट होता है. मुझे भी महीने की पॉकेट मनी दी जाती है. आज पेट्रोल का दाम ऑल टाइम पर है. जहां पहले 4000 रुपये में गाड़ी की टंकी फुल हो जाती थी अब 75% टंकी भी नहीं भर्ती है. यह पैसे भी कम पड़ जाते हैं. सरकार से यही निवेदन है कि बढ़ते हुए दामों को कम करने के लिए कुछ कदम जरूर उठाए.”

दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग नारायण कहते हैं कि सरकार टैक्सेज कम करने के लिए अन्य कदम उठा सकती है, एक्साइज और स्टेट टैक्स कम कर सकती है. उन्होंने कहा, “हम सभी डीलर्स की हमेशा से मांग रही है कि GST में आप पेट्रोल डीजल को ले आइए. इससे दाम देशभर में घट जाएंगे. अभी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग VAT होता है जिसकी वजह से अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भोज आम नागरिकों को उठाना पड़ता है. डीलर्स को भी इससे लॉस है. पंपो में जो लुब्रिकेंट्स मिलते हैं उनका एक ही रेट है, वैसे ही तेल का भी एक ही टैक्स होना चाहिए. ऐसे में जिन राज्यों में VAT कम है तो डीजल की ट्रकें जो फैक्टरियों में कमोडिटीज का ट्रांसपोर्टेशन करती हैं, उन्हीं राज्यों से तेल लेती हैं जहां दाम कम है. इससे डीलर्स को भी नुकसान होता है और आम नागरिक को भी.”

जहां एक ओर परेशानियों का अंबार देश के नागरिकों के सिर पर मंडरा रहा है वहीं देश के पेट्रोलियम मिनिस्टर ने कहा है कि आने वाले समय में सरकार द्वारा एक्सर्साइज ड्यूटी कम किए जाने की अभी कोई नीति नहीं तय की गई है.

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