Close

जानें सेक्शन 80C और 80D के अलावा और किन तरीकों से मिल सकती है इनकम टैक्स में छूट

साल 2020-21 के लिए आयकर में छूट पाना चाहते हैं तो 31 मार्च तक कुछ स्कीमों में निवेश जरूर करें.वैसे मैक्सिमम लोगों द्वारा टैक्स में कुछ छूट पाने के लिए सेक्शन 80C  और 80D का ऑप्शन चुना जाता लेकिन इने अलावा भी कई और सेक्शन उपलब्ध हैं जिनके इस्तेमाल से आयकर में छूट प्राप्त की जा सकती है. चलिए जानते हैं ऐसे कौन से सेक्शन हैं जो टैक्स में छूट दिला सकते हैं.

सेक्शन 80C  के तहत, कुल कर योग्य इनकम से 1.50 लाख रुपए की कटौती की जा सकती है. इसके लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान, 5 साल तक की एफडी स्कीम और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना सहित कई दूसरी योजनाओं में इंवेस्ट करने पर फायदा मिलता है.

बच्चों के लिए लिए गए एजुकेशन लोन के लिए आप सेक्शन 80E के तहत टैक्स डिडक्शन को क्लेम कर सकते हैं.

अगर आप अपनी पत्नी और बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो आप टैक्स बचा सकते हैं. इसके लिए सेक्शन 80D के तहत 25,000 रुपये तक का डिडक्शन लिया जा सकता है. माता-पिता के लिए प्रीमियम का भुगतान करके भी अतिरिक्त डिडक्शन मिलता है. माता-पिता अगर सीनियर सिटीजन हैं, तो 50,000 रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.

सेक्शन 80EEA के तहत होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख की एक्सट्रा टैक्स छूट ली जा सकती है. लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि आपके घर की स्टाम्प वैल्यू 45 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही होम लोन 1अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच लिया होना चाहिए. वहीं कार्पेट एरिया भी 60 स्कवॉयर मीटर या 645 स्कवॉयर मीटर से अधिक न हो. बता दें कि ये शर्तें मेट्रो शहरों के लिए है.

आप अगर माता-पिता के घर में रहते हैं तो आप टैक्स बचा सकते हैं. इसके लिए आपको माता-पिता को किराया देना होता है. टैक्स डिडक्शन का HRA छूट बेनेफिट के तौर पर फायदा लिया जा सकता है. इसके लिए जरूरी है घर का स्वामित्व माता-पिता के पास हो और आप उनके साथ भागीदार नहीं हों.  आपको HRA बेनेफिट नहीं मिलता, तो आप सेक्शन 80GG के तहत टैक्स बेनेफिट के लिए दावा कर सकते हैं.

टैक्स बचत के लिए माता-पिता को कुछ पैसे तोहफे में दें सकते हैं. इसके अलावा माता-पिता के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट खोला जा सकता है. माता-पिता अगर आपके मुकाबले कम टैक्स स्लैब में आते हैं, तो एफडी पर भुगतान किए जाना वाला ब्याज आपके मुकाबले कम रहेगा. अगर आप अपने नाम पर वही एफडी खोलेंगे, तो आपको ज्यादा टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा.

scroll to top