भारतीय कार बाजार में टाटा मोटर्स अपनी पोजीशन मजबूत करने के लिए एक बार फिर जोर लगा रही है. कंपनी अपने दो मॉडल नेक्सन और अल्ट्रोज की बिक्री से काफी उत्साहित है. अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में यह स्थानीय बाजार में अपने प्रोडक्शन को चार लाख यूनिट तक ले जाना चाहती है. अगर कंपनी ने इस लक्ष्य हासिल कर लिया तो वह भारत में अब तक का अपना सबसे बड़ा बिक्री टारगेट पूरा कर लेगी. इस तरह वह भारतीय कार मार्केट में दस फीसदी की हिस्सेदारी हासिल करने की ओर बढ़ सकती है.
कंपनी अपने एसयूवी सेगमेंट पर काफी ध्यान दे रही है. नेक्सन और अल्ट्रोज की अच्छी बिक्री ने इसका हौसला बढ़ाया है. कंपनी अपने बाजार का और विस्तार करने जा रही है. कंपनी का प्रोडक्शन तेज करने का बड़ा इरादा है. हालांकि सेमी-कंडक्टर की सप्लाई की कमी इसमें अड़चन पैदा कर सकती है. टाटा मोटर्स 2018-19 से ही टर्न अराउंड मोड में चल रही है. वित्त वर्ष 2020-21 के जुलाई से दिसंबर के बीच इसने 41 से 159 फीसदी की बड़ी ग्रोथ हासिल की है. जबकि पिछले वित्त वर्ष में इंडस्ट्री की ग्रोथ 16 फीसदी रही थी. इससे भारतीय कार बाजार में टाटा मोटर्स की हिस्सेदारी बढ़ कर आठ फीसदी हो गई. यह पिछले सात साल का उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. वित्त वर्ष 2020-21 में टाटा मोटर्स ने 1.38 लाख यूनिटों की बिक्री की थी.
अगर तीन लाख यूनिटें बिक गईं तो भी टाटा मोटर्स दस फीसदी की हिस्सेदारी हासिल कर लेगी. अगर टाटा मोटर्स की गाड़ियों की बिक्री का यह लक्ष्य पूरा कर लिया तो भारतीय कार मार्केट में उसकी हिस्सेदारी 13.5 फीसदी हो जाएगी. 2006 में कंपनी की हिस्सेदारी 17 फीसदी थी लेकिन यह घट कर काफी कम हो गई है. कंपनी अब अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की पूरी कोशिश करेगी. नेक्सन और अल्ट्रोज की बिक्री में हर महीने बढ़ोतरी हो रही है. कंपनी ने इस साल टिगोर और टियागो की 50 हजार यूनिटें बेचने का लक्ष्य रखा है.