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कृषि विश्वविद्यालय के छात्र अब लाइब्रेरी से आटोमेटिक किताबें ले सकेंगे

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के नेहरू पुस्तकालय में रेडियो आवृति पहचान पद्धति (आर.एफ.आई.डी.) प्रारंभ की गई है। यह एक स्वचलित पद्धति है। इस पद्धति के द्वारा विद्यार्थी स्वयं किओस्क काउन्टर में पर अपना कार्ड रखकर स्वचलित तरीके से पुस्तकें एवं अन्य पाठ्य सामग्री इश्यू करवा सकते हैं और स्वचलित ड्राॅप बाॅक्स में पुस्तकें रखकर उन्हें वापस जमा कर सकते हैं। इस पद्धति में पाठ्य सामग्री में रेडियो फ्रेक्वेंसी (आर.एफ.आई.डी.) टैग लगाया गया है एवं पाठकों के आर.एफ.आई.डी. टैग युक्त सदस्यता कार्ड को रेडियो तरंगों से जोड़ा गया है। सदस्यता कार्ड और पाठ्य सामग्री में विद्युत चुम्बकीय पट्टी होने के कारण सुरक्षा उपकरण में सेंसर द्वारा पाठकों की पहचान की जाती है। पाठ्य सामग्री लेन-देन में यह सुविधा अधिक प्रभावी एवं सुरक्षित सिद्ध होगी।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एस.के. पाटील ने इस रेडियो आवृत्ति पद्धति का शुभारंभ करते हुए कहा कि कोविड-19 संकट काल में पुस्तकालयों में आधुनिक तकनीक का समावेश कर पाठ्य सामग्री का अध्ययन किया जा सकता है, जिससे पाठक कम समय में पाठ्य सामग्री स्वयं प्राप्त कर सकते हैं तथा उसे वापस भी कर सकते हैं।

कोरोना महामारी काल में सुरक्षा की दृष्टि से यह पद्धति सुविधाजनक होगी एवं पाठ्य सामग्री सुरक्षित रहेगी। उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का नेहरू पुस्तकालय मध्य भारत का एक ऐसा क्षेत्रीय पुस्तकालय है जहां आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग किया जा रहा है। इस पुस्तकालय में कृषि कोष इंस्ट्टीयूशनल रिपोजेटरी के माध्यम से पाठकगण इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अलावा अन्य कृषि विश्वविद्यालयों तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के विभिन्न संस्थानों के डिजिटल संग्रहण शोध ग्रंथों, प्रकाशनों आदि का अवलोकन कर सकते हैं। नेहरू पुस्ताकालय में कंसोरटियम फाॅर ई रिर्सोसेज़ इन एग्रीकल्चर (सेरा) का विद्यार्थियों एवं पाठकों द्वारा अधिकाधिक उपयोग किया जा रहा है, जिसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा सम्मानित किया गया है।

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