घरेलू शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की हिस्सेदारी अक्टूबर-दिसंबर 2021 के दौरान दो फीसदी घटकर 654 अरब अमेरिकी डॉलर रह गई. मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट में यह कहा गया है. साफ तौर पर ये भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की गिरती रुचि को दिखाता है.
लार्जकैप और मिड कैप के शेयरों में गिरावट
रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी निवेशकों की बड़े पैमाने पर बिकवाली और भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट से इसमें कमी आयी है. समीक्षाधीन अवधि में खासतौर से लार्ज कैप और मिड कैप (मझोली और छोटी कंपनियों) के शेयरों में गिरावट देखी गई.
अक्टूबर–दिसंबर में घरेलू शेयर बाजार में एफपीआई हिस्सेदारी दो फीसदी घटी
इसमें कहा गया है कि दिसंबर 2021 को समाप्त तिमाही के अंत में भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई निवेश का मूल्य दो फीसदी घटकर 654 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया, जो इससे पिछली तिमाही में 667 अरब अमेरिकी डॉलर था. दिसंबर 2020 के अंत में भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई निवेश का मूल्य 518 अरब अमेरिकी डॉलर था.
19 फीसदी से घटकर 18 फीसदी पर आया एफपीआई का योगदान
समीक्षाधीन अवधि में हुई गिरावट के चलते भारतीय शेयर बाजार पूंजीकरण में एफपीआई का योगदान घटकर 18.3 फीसदी रह गया, जो सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही में 19 फीसदी था. इस अवधि में विदेशी निवेशकों के घटते निवेश के चलते बाजार के कैपिटलाइजेशन पर भी असर देखा गया है. घरेलू शेयर बाजार फिलहाल रूस-यूक्रेन युद्ध के असर भी झेल रहा है लेकिन इसके असर से जहां एक ओर बाजार गिर रहा है वहीं दूसरी ओर नए विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजार में आने की उम्मीद बन रही है क्योंकि रूस के ऊपर कई आर्थिक प्रतिबंध लग रहे हैं.
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