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सरकार की क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने की तैयारी, कितना लगेगा टैक्स और क्या है प्लान-जानें

सरकार माल और सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत करने पर काम कर रही है, ताकि लेनदेन के पूरे मूल्य पर कर लगाया जा सके. इस समय सिर्फ क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा दी जाने वाली सेवा पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है और इसे वित्तीय सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. जीएसटी अधिकारियों का विचार है कि क्रिप्टो किसी लॉटरी, कैसीनो, सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़ के समान हैं, जिनके पूरे मूल्य पर 28 फीसदी जीएसटी लागू है.

अधिकारियों का क्या है कहना

इसके अलावा सोने के मामले में पूरे लेनदेन मूल्य पर तीन फीसदी जीएसटी लगाया जाता है. एक अधिकारी ने कहा, “क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने के संबंध में स्पष्टता जरूरी है और हम विचार कर रहे हैं कि क्या इसे पूरे मूल्य पर लगाया जाना चाहिए, और क्या क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है.” एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी के पूरे लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाता है तो यह दर 0.1 से एक फीसदी के बीच हो सकती है. एक अन्य अधिकारी ने कहा, “टैक्स की दर पर चर्चा शुरुआती चरण में है, चाहे यह 0.1 फीसदी हो या एक फीसदी. पहले वर्गीकरण पर निर्णय को अंतिम रूप देना होगा और फिर दर पर चर्चा की जाएगी.”

सरकार जीएसटी कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी के वर्गीकरण पर कर रही है काम

जीएसटी कानून क्रिप्टोकरेंसी के वर्गीकरण के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताता है और ऐसी वर्चुअल डिजिटल मुद्राओं को विनियमित करने के लिए कानून के अभाव में वर्गीकरण करते समय यह भी ध्यान रखना होगा कि कानूनी ढांचा इसे अनुयोज्य दावे के रूप में वर्गीकृत करता है या नहीं. अनुयोज्य दावा एक ऐसा दावा है, जो न्यायालय में कार्रवाई के योग्य हो.

अभी तक नहीं आया है क्रिप्टोकरेंसी पर कोई ड्राफ्ट 

आम बजट 2022-23 में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में कुछ स्पष्टता लाई गई है. सरकार क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए अलग से एक कानून पर काम कर रही है, लेकिन अभी तक कोई मसौदा सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है.

 

 

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