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कही-सुनी (24 MARCH-24): सचिन पायलट से क्यों नहीं मिले भूपेश बघेल ?

रवि भोई की कलम से

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट 21 और 22 मार्च को राज्य के दौरे पर रहे। उन्होंने जांजगीर जिले में कार्यकर्ताओं की बैठक की। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में भी नेताओं और कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। सचिन पायलट के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत साये की तरह रहे, पर पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी भूपेश बघेल नजर नहीं आए। कहते हैं भूपेश बघेल ने बैठकों से दूरी बनाने के साथ सचिन पायलट से भेंट भी नहीं की। सचिन पायलट की बैठकों से भूपेश बघेल की दूरी चर्चा का विषय है। बताते हैं भूपेश बघेल सचिन पायलट की बैठक में शामिल होने की जगह राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के दौरे में रहे। कांग्रेस हाईकमान ने राज्य में कांग्रेस की पराजय के बाद सचिन पायलट को कुमारी सैलजा की जगह प्रभारी महासचिव बनाया है। छत्तीसगढ़ के पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल की हाईकमान के प्रतिनिधि से दूरी कुछ अलग ही संकेत दे रहा है। वैसे महादेव एप मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है, तो कांग्रेस के एक नेता ने राजनांदगांव में मंच से भूपेश बघेल की कार्यशैली पर टिप्पणी कर दी और एक नेता ने हाईकमान को चिट्ठी लिखकर उन्हें राजनांदगांव से चुनाव न लड़ाने की मांग कर दी है। भाजपा सरकार की उनके प्रति टेढ़ी नजर और कांग्रेस में ही उठते गुबार के बीच एकला चलो की नीति को लेकर राजनीतिक हलकों में जबरदस्त कानाफूसी चल रही है।

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा आगे

कहते हैं लोकसभा चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस से भाजपा काफी आगे चल रही है। भाजपा ने राज्य की सभी 11 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव की घोषणा से पहले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया, जबकि कांग्रेस अभी भी पांच सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है। बस्तर लोकसभा सीट के लिए भी कांग्रेस प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है, जबकि वहां नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दो दिन पहले कांग्रेस के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक ली, लेकिन भाजपा के पदाधिकारियों की लोकसभा चुनाव को लेकर कई दौर की बैठक हो चुकी है और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव अभियान का आगाज भी कर दिया है।

महादेव एप मामले में पुलिस अफसरों पर गिर सकती है गाज

कहते है राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो महादेव एप मामले में पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी है। ईओडब्ल्यू ने महादेव एप मामले में अब तक राजनेताओं और अन्य लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। महादेव एप मामले में कई पुलिस अफसरों के नामों की चर्चा थी,लेकिन अभी तक किसी के खिलाफ एफआईआर नहीं हुई है। खबर है कि अब ईओडब्ल्यू ने चार आईपीएस और राज्य पुलिस सेवा के दो अफसरों के खिलाफ एफआईआर के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। कहा जा रहा है कि सरकार से अनुमति मिलने पर पुलिस अफसरों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

आईएफएस अफसरों का उद्यानिकी प्रेम

कहा जाता है उद्यानिकी संचालक का पद आईएएस का कैडर पद है, लेकिन अधिकांश समय इस पद पर आईएफएस अधिकारी ही पदस्थ रहे। कुछ समय जरूर आईएएस रहे। भूपेश बघेल के राज में एग्रीकल्चर के एक प्रोफ़ेसर को उद्यानिकी संचालक बनाने का प्रयोग हुआ था, पर वे ज्यादा दिन नहीं चल पाए। आईएएस अफसरों में भुवनेश यादव, अविनाश चंपावत और डी डी सिंह संचालक रह चुके हैं। आईएफएस अफसरों में जे ए सी एस राव, आलोक कटियार, नरेंद्र पांडे, माथेश्वरन वी. के बाद अब 2005 बैच के आईएफएस एस जगदीशन उद्यानिकी संचालक हैं। जगदीशन को कुछ दिनों पहले ही उद्यानिकी संचालक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंडी बोर्ड और बीज विकास निगम में भी आईएफएस अफसर प्रबंध संचालक रह चुके हैं। भाजपा की सरकार ने नया प्रयोग करते हुए मंडी बोर्ड में विभाग के अफसर को ही प्रबंध संचालक बना दिया है। बीज विकास निगम में भारत सरकार के एक उपक्रम से प्रतिनियुक्ति पर आए अफसर को एमडी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे ही नए प्रयोग की चर्चा उद्यानिकी विभाग में भी थी।

सोनमणि की पोस्टिंग का इंतजार

खबर है कि 1999 बैच के आईएएस अधिकारी सोनमणि बोरा केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति से लौटकर छत्तीसगढ़ में ज्वाइनिंग देकर अवकाश पर चले गए हैं। अवकाश से लौटने पर पोस्टिंग होगी। प्रशासन में उनकी पोस्टिंग का इंतजार है। मंत्रालय में कानाफूसी चल रही है कि सोनमणि बोरा के लिए किस अफसर का विभाग कम किया जाएगा। कहा जा रहा है 1994 बैच की आईएएस ऋचा शर्मा अप्रैल के पहले हफ्ते में छत्तीसगढ़ में ज्वाइनिंग देंगी। कहते हैं ज्वाइनिंग देकर वे करीब 20 दिन के लिए प्रशिक्षण के लिए चली जाएंगी। ट्रेनिंग से लौटने के बाद ही उनकी पोस्टिंग होगी।

केंद्र सरकार से लौटी नेहा चंपावत

2004 बैच की आईपीएस नेहा चंपावत भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति से लौट आईं हैं। कहते हैं उन्होंने पुलिस मुख्यालय में ज्वाइनिंग दे दी है। नेहा चंपावत के पति आईएएस अविनाश चंपावत भी इसी महीने भारत सरकार से प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं। राज्य सरकार ने उन्हें सचिव राजस्व और पुनर्वास बनाया है। अविनाश चंपावत 2003 बैच के आईएएस हैं।

डीजी प्रमोशन की फाइल फिर अटकी

कहते हैं 1992 बैच के दो आईपीएस और 1994 बैच के एक आईपीएस को एडीजी से डीजी प्रमोट करने वाली फाइल शीर्ष स्तर पर एक बार फिर रुक गई। खबर है कि 1992 के आईपीएस अरुणदेव गौतम और पवन देव तथा 1994 बैच के हिमांशु गुप्ता को डीजी के पद पर पदोन्नत करने का प्रस्ताव है। राज्य में अभी डीजी के तीन पद रिक्त भी हैं। 1992 बैच के आईपीएस अफसरों का प्रमोशन तो डीजी के पद पर एक साल पहले हो जाना था।

(लेखक पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
(डिस्क्लेमर – कुछ न्यूज पोर्टल इस कालम का इस्तेमाल कर रहे हैं। सभी से आग्रह है कि तथ्यों से छेड़छाड़ न करें। कोई न्यूज पोर्टल कोई बदलाव करता है, तो लेखक उसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। )

 

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