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चार्जिंग में लगा मोबाइल हुआ ब्लास्ट, कमरे में आग लगने से 4 बच्चों की दर्दनाक मौत, दंपति की हालत गंभीर

मेरठ। मेरठ में मोदीपुरम की जनता कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहे मजदूर के घर में शॉर्ट सर्किट से मोबाइल में धमाका हो गया और कमरे में आग लग गई। कमरे में मौजूद चार बच्चे बुरी तरह झुलस गए। बच्चों को बचाने पहुंचे दंपती भी झुलस गए। लोगों ने पुलिस को सूचना दी और आग पर काबू पाया। पुलिस ने सभी को पहले निजी अस्पताल और बाद में मेडिकल में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान चारों बच्चों की मौत हो गई है। अभी दंपती की हालत गंभीर बनी हुई है।

बता दें कि 24 घंटे में चारों बच्चे दुनिया को छोड़कर चले गए। बच्चों की मां को गंभीर हालत में दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि पिता की हालत गंभीर बनी हुई है। वह मेडिकल में भर्ती है।

 

मुजफ्फरनगर जिले के सिखेड़ा निवासी जॉनी (41) मजदूरी करता है। पत्नी बबीता (37) व चार बच्चों सारिका (10) , निहारिका (8), गोलू (6) और कल्लू (5) के साथ मोदीपुरम की जनता कॉलोनी में एक मकान में किराए पर रहता है।
बताया गया कि शनिवार शाम बच्चे कमरे में खेल रहे थे। कमरे में बेड पर तार बिखरे हुए थे और बच्चे मोबाइल का चार्जर बिजली के बोर्ड में लगा रहे थे। चार्जर लगाने के दौरान शॉर्ट सर्किट हो गया। तारों में आग लगने से मोबाइल में धमाका हुआ और बेड में आग लग गई।
वहीं, आग से घिरे बच्चों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। धमाके व बच्चों का शोर सुनकर जॉनी व बबीता रसोई से कमरे की ओर दौड़े। दोनों ने बच्चों को आग से झुलसी हालत में बाहर निकाला। बच्चों को बचाने के दौरान बबीता व जॉनी भी बुरी तरह झुलस गए। जॉनी के घर से चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंच गए।

थाना प्रभारी मन्नेश कुमार का कहना है कि उपचार के दौरान सारिका और कल्लू ने भी दम तोड़ दिया है। परिजन पहले पोस्टमार्टम के लिए मना कर रहे थे लेकिन अब पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पिता जॉनी का मेडिकल में उपचार चल रहा है, जबकि मां बबीता को गंभीर हालत में दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी भी हालत नाजुक बनी हुई है।

एसपी सिटी आयुष विकरम सिंह ने बताया कि शॉर्ट सर्किट होने से आग लगी। बच्चे और दंपती बुरी तरह से झुलस गए थे। इनमें चारों बच्चों की मौत हो गई है।

बताया गया कि मृतक बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। डीएम दीपक मीणा ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट से पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है। शासन को आर्थिक सहायता के लिए रिपोर्ट भेजी गई।

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