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आज का इतिहास 28 मार्च : आज ही बनी थी पहली गैर कांग्रेसी सरकार,मोरारजी देसाई बनें थे देश के चौथे प्रधानमंत्री

28 मार्च 1977 को देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सरकार बनाई थी. आज के दिन ही उन्होंने सत्ता संभाली थी और कई सालों तक राज किया. भारत की पहली गैर कांग्रेसी सरकार के पीएम मोरारजी देसाई बने थे. वे इंदिया गांधी से विरोध कर अलग हुए थे. और जनता पार्टी गठन के बाद प्रधानमंत्री बने थे.

इंडोनेशिया में भूकंप से 1300 लोगों की मौत
आज ही के दिन 2005 में इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर आए भूकंप में 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. तीव्रता के हिसाब से ये 1965 के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भूकंप था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 8.6 मापी गई थी.

साइना नेहवाल बनीं थीं नंबर-1 बैडमिंटन खिलाड़ी
इंडियन शटलर साइना नेहवाल आज ही के दिन साल 2015 में दुनिया की नंबर वन महिला बैडमिंटन खिलाड़ी चुनी गईं थीं. उनके इस रिकॉर्ड से पूरे खेल जगत में खुशी की लहर थी. आज भी ये दिन खिलाड़ियों के दिल और दिमाग में बसा हुआ है. क्योंकि ये मुकाम हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं थीं.

28 मार्च की महत्वपूर्ण घटनाएं-
1941: कलकत्ता से ब्रिटिश सरकार की आंखों में धूल झौंक कर भागे नेताजी सुभाष चंद्र बोस बर्लिन पहुंचे
1979: अमेरिका के पेन्नसिलवेनिया के थ्री माइल आइलैंड परमाणु संयंत्र से रेडियोधर्मी विकिरण हुआ. समय रहते उचित कदम उठाने से बड़ा हादसा टला.
2000: वेस्टइंडीज के कोर्टनी वाल्श ने टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने का कपिल देव का रिकार्ड तोड़ा.
2006: अमेरिका ने पाकिस्तान के पेशावर में स्थित अपना वाणिज्य दूतावास बंद किया.
2011: देश में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई। ताजा गणना के बाद वर्ष 2006 में 1411 के मुकाबले इनकी संख्या 1706 हो गई.
1930: तुर्की के कई शहरों का नाम बदल दिया गया. राजधानी ‘अंगोरा’ को ‘अंकारा’ और ‘कॉन्सटानिनोपल’ का नाम बदल कर ‘इंस्तांबुल’ कर दिया गया था.
1965: डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग ने काले अमेरिकियों के लिए एलाबामा की राजधानी मॉटगुमरी में 25 हजार लोगों के साथ मार्च निकाला. उस समय डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग काले अमेरिकियों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे.
2005: सुमात्रा द्वीप में भूकंप ने पूरे इंडोनेशिया को हिला दिया था. यह भूकंप 1965 के बाद आने वाला चौथा सबसे बड़ा भूकंप था.
1963: ये समय रूस और अमेरिका के लिए बेहद कठिन था. दरअसल रूस और अमेरिका के बीच शीत युद्ध चल रहा था, जिसके बीच एक अमेरिकन लड़की ने रूस के लड़के से शादी कर ली. सेवियत सरकार द्वारा इस शादी का काफी विरोध किया गया था.

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