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बिंद्रानवागढ़ में कांग्रेस ओवर कॉन्फिडेंस में तो राजिम में भाजपा फंस रही जातिगत पेंच में

० महासमुंद लोकसभा सीट पर जीत गरियाबंद जिले की यही दो विधानसभा के परिणाम तय करते हैं
० सीएम सभा से पहले चिंतित मुद्रा में दिखे भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस के निशाने पर

गरियाबंद।महासमुंद के महाभारत में जीत के अपने अपने दावों के बीच जिले की बिंद्रानवागढ़ व राजिम विधान सभा में इस चुनाव में विधानसभा के विपरीत परिणाम आने के आसार नजर आ रहे हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन दोनो सीटो पर लोकसभा में सियासी बिसात विधानसभा से अलग है ऐसे में दावा किया जा रहा है की परिणाम भी विधान सभा के विपरित देखने को मिलेगा।

बिंद्रानवागढ़ में कांग्रेस का ओवर कॉन्फिडेंस
भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले बिंद्रा नवागढ़ में भले ही कांग्रेस ने सेंध लगाकर इस बार जनक ध्रुव के रूप में अपना विधायक बनाने में सफल हो गए ,यही वजह है कि इस सीट से लोकसभा प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू को खासी बढ़त बनाने का दावा कांग्रेसी कर रहे है।कॉन्फिडेंस का लेबल कितना हाई इससे भी अंदाजा लगा सकते हैं की बिंद्रा नवागढ़ में अब तक किसी बड़े नेता का सभा नही कराया गया,चुनाव प्रभारी का तक अता पता नहीं,प्रचार सामग्री भी इस क्षेत्र में नही पहुंच सका है। विधायक जनक ध्रुव प्रचार का कमान संभाले हुए है जबकि मैनेजमेंट की जवाबदारी ताम्रध्वज साहू के बड़े बेटे जितेंद्र साहू के हाथ में है।

चिंता में पड़ गई है रूप कुमारी
भारी मतों से बढ़त का दावा करते हुए विधायक जनक ध्रुव ने कहा की सीएम साय के सभा में रूप कुमारी चिंतित दिखाई पड़ी,ये चिंता हार की है क्योंकि पीएम के 10 साल के कार्यकाल में गिनाने के लिए कोई उपलब्धि नही,इस बार बदलाव की बयार है।अपको बता दे कि रूपकुमारी की चिंता मुद्रा की तस्वीर कांग्रेस सोशल मिडिया में जम कर वायरल भी हो रहा है।

विपरीत परिणाम के कई संकेत
बिंद्रानवागढ़ में कांग्रेस सभाओं व प्रचार सामग्री में पीछे है।पिछले 20 दिनो में जिला कांग्रेस कमेटी के कई ऐसे पदाधिकारी जिनकी जमीन स्तर पर पकड़ है वे पार्टी छोड़ भाजपा प्रवेश कर गए हैं।विधान सभा में जनक ध्रुव के खुला समर्थन में उतरे भाजपा के परंपरागत वोटर्स माने जाने माली समाज का रुख भी इस बार साफ नही है,कांग्रेस के लिए समर्थन जुटाने वाले यादव समाज के कई चेहरे भी इस बार भाजपा के झंडे थामे नजर आ रहे हैं।भाजपा सत्ता में वापस आ गई है लिहाजा विधान सभा में गोवर्धन मांझी के लिए बगावत कर जनक को सीधे फायदा पहूचाने वाले कई नामचीन चेहरे भी इस बार भाजपा के पक्ष में खुल कर काम करते दिखाई दे रहे हैं।


राजिम में भाजपा की पेंच सामाजिक समीकरण में फंसते नजर आ रही है
राजिम में इस बार साहू समाज के विधायक रोहित साहू हैं,जिन्होंने ने अमितेश शुक्ल को हराया है।लोकसभा के चुनाव प्रभारी भी भाजपा ने रायपुर ग्रामीण विधायक मोती लाल साहू को बनाया है, उप मुख्यमंत्री अरुण साव समेत साहू समाज के कई दिग्गज नेता लगातार राजिम क्षेत्र में साहू समाज की सभा ले रहे हैं ताकी साहू समाज के वोटर्स समाजिक फेक्टर में ना फंस जाए। महासमुंद लोकसभा को कांग्रेस अपनी परम्परागत सीट मान चुकी थी,लेकिन 2024 के पहले तीन चुनाव में लगातार साहू समाज से खड़े किए गए प्रत्याशियों ने कांग्रेस को इस सीट पर मात देते आ रही थी।इस बार भी समाज से कई चेहरे दावेदारी किया था,लेकिन पार्टी ने लोकसभा में मौजूद 2 लाख मतदाता वाले साहू समाज के बजाए 40 हजार अघरिया समाज से उम्मीदवार के रूप में रूप कुमारी चौधरी को खड़ा कर दिया।भाजपा भले ही इसे ओबीसी का प्रतिनिधित्व के रूप में मान कर चल रही है पर भीतरी खाने में समाज ने इसे निष्ठा का विषय बना लिया है। सूत्र बताते है कि साहू अपनी प्रभाव बनाए रखने राजनीतिक के बजाए सामाजिक समीकरण के आधार पर वोट करेंगे,कई बैठक भी हुई जिसमे ताम्रध्वज साहू या फिर कमान संभाल रहे उनके सुपुत्र के साथ प्रदेश स्तर के सामाजिक पदाधिकारी मौजूद रहते हैं।कहा जा रहा है कि भाजपा समर्थित साहू नेता बैठक लेकर अपने प्रत्याशी के लिए समर्थन जुटा रहे पर कांग्रेस प्रत्याशी सीधे सामाजिक लोगो से संपर्क कर अपने लिए वोट मांग रहे जिसका सीधा फायदा उन्हे राजिम वि स में होगा ।

पदाधिकारियों ने कहा किसी के पक्ष के लिए कोई निर्णायक बैठक नही,पर माना रुझान साहू प्रत्याशी की ओर
मामले की पुष्टि करने जब हमने साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष टहल राम साहू से बात किया तो उन्होंने किसी भी पार्टी को समर्थन के लिए सुनियोजित बैठक से इंकार किया पर उन्होंने कहा की वे समाज के अध्यक्ष होने के नाते साहू समाज के तीनो प्रत्याशी का समर्थन कर रहे हैं।समाज के सदस्यों को भी समर्थन के लिए बोला जा रहा है पर दबाव नही उनकी स्वेच्छा पर छोड़ा गया है।


साहु समाज के गरियाबंद जिला अध्यक्ष नारायण साहू भी किसी पार्टी को समर्थन देने की गई कोई भी बैठक से साफ इंकार करते है,पर आगे कहते हैं कि विधान सभा में अलग बात थी ,समाज के कई कांग्रेसी भाजपा में खड़े सामाजिक प्रत्याशी रोहित साहू का समर्थन किया था,हो सकता है इस बार लोकसभा में उल्टा भी हो सकता है।सभी पार्टी से जुड़े लोग है किसी एक लिए समर्थन का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।ताम्रध्वज साहु जी आकर सामजिक लोगो से संपर्क कर रहे हैं इसका प्रभाव तो पड़ेगा ही।रूप कुमारी के समर्थन के लिए भाजपा के साहू नेताओं ने बैठक भी किया था,पर ज्यादा लोग साहू प्रत्याशी की ओर भी जा सकते है,पर समाजिक तौर पर कोई किसी के लिए दबाव नही बनाया जा रहा है।प्रत्याशी के व्यवहार को देख कर भी वोट कर सकते है।

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