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माता सीता की खोज करते भगवान श्री राम और भाई लक्ष्मण आये थे कांडाडोंगर

० कांदाडोंगर की पहाड़ी में लक्ष्मण झूला, हनुमान झुला, ऋषि मुनियों की तप स्थली के साथ कई गुफाएं जहां पहुंचते है प्रदेशभर से श्रध्दालु

० प्रभु श्रीराम ने जब लंका विजय किया तो कांदाडोंगर की पहाड़ी में विराजमान देवी मां कुलेश्वरी, मां खम्बेश्वरी एवं देवी देवताओं ने मनाया था खुशी मे विजयदशमी का पर्व

० हमेशा कांदाडोंगर की पहाड़ी में पहुंचते है श्रध्दालुओं की भीड़ लेकिन खासतौर पर विजय दशमी पर भव्य मेला का होता है आयोजन

जीवन एस साहू

गरियाबंद।गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के घने जंगल और कांदाडोंगर की पहाड़ी में माता सीता की खोज करते प्रभु श्रीराम और भाई लक्ष्मण पहुंचे थे भगवान श्री राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ कुछ समय इस पहाड़ी पर बिताया था जिसका प्रमाण आज भी इस पहाड़ी में मिलता है यहां लक्ष्मण झूला, हनुमान झूला के साथ ऋषि मुनियों द्वारा तप किये गये स्थल आज भी मौजूद है जो धार्मिक आस्था का केन्द्र है।

तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 70 किमी दूर कांदाडोंगर पहाड़ी प्राकृतिक अनुपम छटा समेटे हुए है यहां कि खुबसुरती और घने जंगल लोगो को अपनी ओर आकर्षित करता है इस पवित्र पहाड़ी के उच्च शिखर पर कई गुफाएं है जिसमें से कुछ गुफाओं के दरवाजे अदृश्य हो चुके है लेकिन कई गुफाओं में आज भी श्रध्दालु पहुंचते है अपने भीतर अनेक रहस्यों को समेंटे कांदाडोंगर पहाड़ी क्षेत्र प्रमुख देव स्थल के रूप में जाना और माना जाता है मिली जानकारी के अनुसार त्रेतायुग में जब रावण ने माता सीता का हरण किया गया तब भगवान श्रीराम और भाई लक्ष्मण दोनो भाई माता सीता की खोज में कांदाडोंगर की पहाड़ी पर पहुंचे थे यहां गुफा में तपस्यारत ऋषि से भेंटकर माता सीता के संबंध में जानकारी लिया था ,भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ने अपने वनवास काल के कुछ समय इस पहाड़ी क्षेत्र में बीताये थे और यहां जंगल से कंदमूल भी खाये थे जिसके चलते इस पहाड़ी को कांदाडोंगर कहा जाता है।

इस पहाड़ी में विशेष लिपि में कई अलेखों का उल्लेख है जिसके बारे में लोग अनेक प्रकार के जानकारी देते है बहरहाल कांदाडोंगर की पहाड़ी मे लक्ष्मण झूला, हनुमान झुला और ऋषि मुनियो की तपस्थली जोगी मठ के नाम से आज भी प्रसिध्द है यहां देवी शक्ति से उत्पन्न एक जलकुंड है जहां का पानी कभी नही सूखता है भगवान श्री राम और भाई लक्ष्मण इसी मार्ग से भद्राचलम होते हुए लंका की ओर प्रस्थान किये थे बताया जाता है कि जब प्रभु श्रीरामचंद्र जी ने लंका विजय किया और इसकी जानकारी कांदाडोंगर मे विराजमान देवी मां कुलेश्वरी एवं मां खम्बेश्वरी को लगी तो कांदाडोंगर गढ़भर के देवी देवताओ ने अपने ध्वज पताका के साथ इस पहाड़ी में एकत्र होकर विजयदशमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया था तब से लेकर आज तक असत्य पर सत्य की जीत की खुशी में कांदाडोंगर में विजयदशमी का पर्व मनाते आ रहे है जिसमें लगभग एक लाख से अधिक लोगो की भीड़ लगती है।

कांदाडोंगर की पहाड़ी क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक आस्था का केन्द्र

मैनपुर ब्लॉक के ग्राम गोढियारी स्थित कांदाडोंगर पहाड़ी अपनी प्राकृतिक खुबसूरती के लिये प्रसिध्द है चारो तरफ घने जंगल हरे भरे पेड़ पौधे श्रध्दालु पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करती है यह आध्यात्मिक केन्द्र के रूप मे जाना जाता है और प्रमुख आस्था का केन्द्र है मां कुलेश्वरी देवी और मां खम्बेश्वरी देवी के दरबार मे जो भी मुरादे मांगी जाती है वह अवश्य पूरा होता है। इस पहाड़ी क्षेत्र में अनेक देवी देवता के प्रमुख स्थान है जहां आदिवासी समाज के साथ सभी समाज के लोग पूरी आस्था के साथ पहुंचते हैं और पूजा अर्चना करते हैं,

कांदाडोंगर में स्थापित किये जायेंगे 12 ज्योर्तिलिंग

कांदाडोंगर धाम समिति द्वारा कांदाडोंगर में 12 नर्मदेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापना और सौंदर्यीकरण के लिये संकल्प लिया है पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी ने कहा कांदाडोंगर हमारी धरोहर है इसकी सुरक्षा और विस्तार की जिम्मेदारी हमारी है। आशुतोष सिंह राजपूत, टीकम सिंह मांझी, जयमल यादव, सरपच सेवन पुजारी, दामोदर सोरी व क्षेत्र के लोगो ने बताया कि कांदाडोंगर क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप मे जाना जाता है और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए 84 गांव के धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए विकास करने की जरूरत है।

पूर्व विधायक डमरूधर पुजारी ने कहा – भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ आये थे कांदाडोंगर

बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक डमरूधर पुजारी ने बताया कांदाडोंगर प्रमुख धार्मिक स्थल है यहां मां कुलेश्वरी और मां खम्बेश्वरी सहित कई देवी देवताओं का मंदिर है जहां अनेक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है मान्यता है कि प्रभु श्रीराम माता सीता की खोज में इस पहाड़ी में आये थे और यहां तपस्या कर रहे ऋषि मुनियों से जानकारी प्राप्त किया था, भगवान श्री राम और लक्ष्मण यहां जंगल से कंद मूल भी ग्रहण किए थे , पूर्व विधायक श्री पुजारी ने कहा कांदाडोंगर पहाड़ी क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने और यहां सुविधा उपलब्ध कराने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मुलाकात कर मांग करेंगें।

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