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हनुमान जी के जन्मदिन पर बजरंग बाण का पाठ, कब और कैसे करना चाहिए? जानें

हनुमान महोत्सव का दिन विशेष माना गया है. यह दिन हनुमान जी को समर्पित है. इस दिन को हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए अतिशुभ माना गया है. हनुमान जी के जन्मदिन पर किए गए उपाय जीवन में विशेष फल प्रदान करते हैं. इस दिन आप ये कर सकते हैं.

शाबर मंत्र क्या है?

हनुमान जयंती यानि हनुमान महोत्सव पर शाबर मंत्र का पाठ उत्तम माना गया है. इस मंत्र को सबसे सुरक्षित मंत्र माना गया है. ये सबसे आसान और सबसे सुरक्षित होने के कारण ये अधिक लोकप्रिय हैं. इन मंत्रों को वैदिक मंत्रों की तरह लंबी साधना की जरूरत नहीं होती और न ही तांत्रिक मंत्रों की तरह जटिल होते हैं. शाबर मंत्र की विशेष बात यह है कि यह जिस इष्ट के लिए पढ़ा जा रहा है. उनके भी ईष्ट की दुहाई इन मंत्रों में दी जाती है. यानी उन्हें उनके इष्ट का वास्ता दिया जाता है कि आपको आपके इष्ट का वास्ता कि मेरी प्रार्थना आप जल्द से स्वीकार करें.

बजरंग बाणबहुत प्रभावशाली है

बजरंग बाण मंत्र भी शाबर मंत्र की श्रेणी में आता है. इसका प्रभाव बहुत ही तेज माना गया है. इसलिए इसके नाम के पीछे चालीसा और कवच नहीं बाण लिखा है क्योंकि बाण का अर्थ है निर्धारित लक्ष्य को भेदना. ऐसा कोई हथियार जिसके अलावा कोई भगवत कृपा पाने की कोई और रास्ता न हो.

सारे प्रयास जब असफल हो जाएं तब करना चाहिए इस मंत्र का प्रयोग

माना जाता है कि बजरंग बाण का उच्चारण तब करना चाहिए जब सभी किए जा रहे उपाय असफल हो जाएं. जब विपदा बहुत प्रबल हो जाती है तब इस पाठ का करना अति शुभ फल देने वाला होता है.

बजरंगबाण का पाठ, किन लोगों को करना चाहिए

बजरंगबाण का पाठ विशेष परिस्थितयों में ही करना चाहिए. इस पाठ को करने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए-

  • यदि आप शत्रुओं से घिरे हुए हैं और दुश्मन निरंतर परेशानी और बाधा पैदा कर रहे हैं तो इस मंत्र का पाठ कर सकते हैं.
  • जो असाध्य रोग से ग्रसित हो चुके हैं या जिन लोगों को किसी दवा का असर नहीं हो रहा हो, ऐसे लोगों को बजरंगबाण करने विशेष रूप से स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने वाला होता है.
  • यदि आपको आर्थिक समस्याओं ने घेर रखा है , लेन – देन के मामले में पूर्ण रूप से फंसे हुए हो तो उनके लिए भी यह पाठ करना अति उत्तम होता है.
  • विद्यार्थियों या नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को इसका पाठ करना अच्छे फल देने वाला होता है.
  • जिन लोगों का वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं चल रहा है या जिन अविवाहित लोगों की खूब कोशिशों के बाद भी कहीं बात पक्की नहीं हो पा रही है. ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए भी बजरंगबाण का पाठ अति उत्तम फल देने वाला होता है.

बजरंग बाण का पाठ कब और कैसे करें

बजरंग बाण का पाठ किसी भी किताब से किय़ा जा सकता है. लेकिन पाठ उस किताब से करें जिसमें इसकी लिखावट लाल रंग से हो. बजरंगबाण के पाठ की शुरुआत सुबह या शाम किसी भी समय कर सकते हैं. इसकी शुरुआत मंगलवार या शनिवार से की जाए और यदि आपके पास इसका इंतजार करने का समय नहीं है तो आने वाले किसी भी दिन से बजरंगबाण की शुरुआत की जा सकती है. यहां इस बात का ध्यान रखें कि जिस समय इसका पाठ शुरू किया जाए. रोजाना उसी समय पर चालीस दिन तक पाठ करना अच्छा होगा.

 

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