देश में गोल्ड की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. मार्च महीने में गोल्ड का आयात बढ़ कर 160 टन तक पहुंच गया. जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के मुताबिक आयात शुल्क में कटौती, कीमतों में गिरावट और एक्सपोर्ट मार्केट में डिमांड बढ़ने से आयात बढ़ा है. मार्च 2019-20 में 28.09 टन गोल्ड का आयात हुआ था.
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान गोल्ड के आयात में 22.58 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 2.54 लाख करोड़ रुपये के मूल्य तक पहुंच गया. देश में गोल्ड की बढ़ती मांग की वजह से इसके आयात में बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान चांदी के आयात में गिरावट दर्ज की गई है. चांदी के आयात में 71 फीसदी की गिरावट आई और घट कर 791 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गोल्ड का आयात दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. गोल्ड के आयात में बढ़ोतरी के वजह से 2020-21 में देश का व्यापार घाटा कम हो कर 98.56 अरब डॉलर का रह गया. जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि घरेलू मांग बढ़ने से गोल्ड के आयात में बढ़ोतरी हो रही है. आने वाले दिनों में गोल्ड में त्योहारी और शादियों की सीजन की वजह से मांग में बढ़ोतरी दिखेगी.
भारत गोल्ड का सबसे बड़ा आयातक है. दरअसल देश की ज्वैलरी इंडस्ट्री में गोल्ड की खपत सबसे ज्यादा है. पारंपरिक तौर पर यहां सोने के जेवर और आभूषण का रिवाज होने से गोल्ड की खपत ज्यादा है . देश से गोल्ड ज्वैलरी का निर्यात होता है लेकिन 2020-21 के दौरान इसमें 27.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. सरकार ने बजट में गोल्ड के आयात ड्यूटी को 12.5 फीसदी से घटा कर 10 फीसदी कर दिया था. इसमें साढ़े सात फीसदी कस्टम ड्यूटी और ढाई फीसदी एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस का है. ग्लोबल मार्केट में एक बार फिर गोल्ड के दाम बढ़ते दिख रहे हैं. ऐसे में आयात और महंगा हो सकता है.