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सेबी ने आईपीओ से जुड़े नियमों में किया बदलाव, अब निवेशकों को UPI और SMS के जरिए मिलेंगी ये सुविधाएं

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के दौरान शेयर के लिये आवेदन और आवंटन को लेकर यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये शुल्क भुगतान व्यवस्था को दुरुस्त बनाया है. इसके अलावा, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्व-प्रमाणित बैंकों के समूह (एससीएसबी) की तरफ से ‘अनब्लॉक’ सभी एएसबीए (एप्लिकेशन के जरिये ब्लॉक की गयी राशि) आवेदन के आंकड़े प्राप्त करने को लेकर नया रिपोर्टिंग प्रारूप निर्धारित किया है.

नया प्रारूप लाया गया है

सेबी ने एक परिपत्र में कहा कि समय पर आवेदन राशि पर लगी रोक हटाने को लेकर एससीसीबी के कामकाज की समीक्षा और बाजार मध्यस्थों से मिले सुझाव के बाद नया प्रारूप लाया गया है. परिपत्र के अनुसार, एससीएसबी मर्चेन्ट बैंकर/निर्गम/निर्गमकर्ता पंजीयक के आग्रह के अनुसार सूचना देने के लिये जिम्मेदार होंगे. साथ ही प्रसंस्करण शुल्क के दावे के बाद आवेदन राशि जारी करने में देरी होने पर क्षतिपूर्ति के लिये भी जिम्मेदार होंगे.

SMS अलर्ट भी भेजने होंगे- SEBI

नियामक ने कहा, “एससीएसबी अगर परिपत्र के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करते हैं, उनके खिलाफ प्रतिभूति कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.” निवेशकों को मिलने वाले एसएमएस के संदर्भ में सेबी ने कहा कि सार्वजनिक निर्गम के लिये पात्र एससीएसबी/यूपीआई ऐप सभी एएसबीए आवेदनों के लिये निवेशकों को ‘एसएमएस अलर्ट’ भेजेंगे. साथ ही ई-मेल पर बिल भेज सकते हैं. यह अतिरिक्त सुविधा होगी, जिससे यूपीआई से जरिये भुगतान के बारे में पूरा ब्योरा होगा.

तत्कल प्रभाव से अमल में आएगा 

एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) ने सेबी को ई-मेल पर बिल भेजने का प्रस्ताव दिया था ताकि यह सुनिश्चित हो कि निवेशकों को सही समय पर सूचना मिले. एसएमएस के जरिये जो ब्योरा दिये जाने की जरूरत है, उसमें आईपीओ का नाम, आवेदन राशि और वह तारीख जिस दिन राशि पर रोक लगी थी, आदि शामिल हैं. यह प्रावधान तत्काल प्रभाव से अमल में आएगा. इस परिपत्र के प्रावधान आईपीओ के लिये पेश विवरण पुस्तिका समेत पेशकश दस्तावेज का हिस्सा होंगे.

 

 

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