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पीआरएसआई रायपुर चैप्टर ने मनाया राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस,अतिथियों ने सनातन मूल्य और उभरता भारत में जनसंपर्क की भूमिका विषय पर रखे अपने वक्तव्य

० पीआरएसआई रायपुर चैप्टर द्वारा जनसम्पर्क के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 4 विभूतियों को किया सम्मानित

रायपुर।पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) रायपुर चैप्टर के द्वारा गुरुवार, 21 अप्रैल 2024 को सुखसागर कांफ्रेंस हाल , रायपुर में राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस- 2024 मनाया गया। अतिथियों ने इस वर्ष जनसंपर्क दिवस पर सनातन मूल्य और उभरता भारत में जनसंपर्क की भूमिका पर अपने वक्तव्य दिए। कार्यक्रम की शुरुआत पदम् श्री भारती बन्धु और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत कबीर भजन के माध्यम से हुई।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस डॉ सुशील त्रिवेदी जी ने कहा कि जनसंपर्क से मैं लंबे समय से जुड़ा रहा हुं, मैं राज्यपाल, राष्ट्रपति और शासकीय विभागों में जनसम्पर्क से जुड़ा रहा हु। डॉ त्रिवेदी ने सनातन मूल्य और उभरता भारत में जनसम्पर्क की भूमिका विषय पर अपने व्याख्यान देते हुए कहा कि हम सनातन मूल्य की बात करते हैं तो उसका तात्पर्य उस हिन्दू धर्म से जिसका पालन सामान्य हिंदू परिवार करते हैं। वैदिक ग्रंथों में जीवन मूल्य शब्द नहीं है, मूल शब्द अंग्रेजी की वैल्यू के कारण आ गया है। ग्रंथों में तो जीवन मूल्य का अर्थ पुरुषार्थ। वैदिक ग्रंथों में जीवन मूल्य का अर्थ पुरुषार्थ की बात कही है ये चार प्रकार के है धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। यही हमारे सारे संघर्ष के आधार हैं। जीवन की इच्छा और जीवन भोग । इसी अवधारणा पर हमारा इमरजिंग इंडिया भी आधारित है। हमारी क्या जीवन इच्छा है और क्या जीवन भोग करना चाहते है। इसी आधार पर हम इमर्जिंग भारत की बात करते है। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क में सुनियोजित निरंतर प्रयास द्वारा किसी संगठन या सत्ता और उसकी जनता के बीच परस्पर सम्बन्ध स्थापित होता है और इसके लिए अच्छे चरित्र दायित्वपूर्ण भूमिका की जरूरत है। बगैर अच्छे चरित्र के हम जनसंपर्क नहीं कर सकते।

जनसंपर्क दिवस पर सनातन मूल्य और उभरता भारत मे जनसंपर्क की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार  आसिफ इकबाल ने अध्यक्षीय उद्बोधन में सनातन शब्द को सर्वधर्म के रूप में निरूपित किया। मुख्य वक्ता के बतौर वरिष्ठ पत्रकार डॉ विश्वेष ठाकरे ने टेक्नोलॉजी और एआई से उत्पन्न खतरों से बाहर निकलने के लिए हमें सनातन मूल्यों के साथ आगे बढ़ना होगा। सनातन का रास्ता सत्य और अहिंसा का है। मशीनों पर बनती निर्भरता ने हमारे मूल्यों का संकट पैदा किया है इसलिए पत्रकारिता में भी सनातन को शामिल करने की जरूरत है। विशिष्ट वक्ता साहित्यकार  गिरीश पंकज ने कहा कि सनातन में कटुता का भाव नहीं है बल्कि यह विश्व बंधुत्व की भावना से जुड़ा है।  पंकज जी ने स्वामी दयानंद सरस्वती, गौतम बुद्ध,  विनोबा भावे, लोहिया जैसे महापुरुषों के प्रसंगों से बताया कि सनातन में करुणा, नवाचार और उदारता के मूल्य हैं। उभरते भारत में सनातन चरित्र के माध्यम से जनसंपर्क भ्रम की स्थिति को तोड़ सकता है। जनसंपर्क विभाग के अपर संचालक जनसंपर्क श्री आलोक देव ने अपने विशेष वक्तव्य में मनखे मनखे एक समान के महान संदेश में मानव समानता की जरूरत पर बल दिया। श्री आलोक देव ने सनातन में रुढ़िवादिता जैसे मुद्दों पर विमर्श करने की जरूरत भी बताई। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार श्री बाबूलाल शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री निधि अग्रवाल ने भी संबोधित किया। चैप्टर चैयरमेन डॉ शाहिद अली एवं सचिव श्री संजय नैयर ने कार्यक्रम का संचालन किया। आभार प्रदर्शन  जनसंपर्क अधिकारी  मिलिंद खेर ने किया। इस अवसर पर अतिथियों को पुष्प गुच्छ, श्रीफल एवं राजकीय गमछा से अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मीडिया और जनसंपर्क के क्षेत्र से जुड़े लोग उपस्थित रहे।

पीआरएसआई रायपुर चैप्टर द्वारा जनसम्पर्क के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 4 विभूतियों को किया सम्मानित
पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा जनसंपर्क कला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए डॉ दानेश्वरी सम्भाकर, सुश्री रूखसार परवीन, श्री सी.विद्रुम्न वाचस्पति भारती और पीयूष शर्मा को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर समानित किया गया।

 

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